Surah Yaseen : Anokha’s journey to spiritual secrets
विवरण और परिचय:
Surah Yaseen: Anokha’s journey to spiritual secrets के बारे में जानकारी यहाँ उपलब्ध है। इस अद्भुत क़ुरआनी अध्याय की गहराई में डूबें और उसके रहस्यों को समझें।”
कई मर्तबाह ज़िक्र किया गया है। इस सूरह का पढ़ना, समझना और अमल करने से बड़े फायदे होते हैं। यह सूरह कुरान के 36वें अध्याय में शामिल है और इसमें 83 आयातें हैं। सूरह यासीन को ‘कल्ब-ए-कुरान’ भी कहा जाता है, अर्थात कुरान का दिल।
Surah Yaseen : Online Meaning in Hindi
बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम
तर्अजुमा :- अल्लाह के नाम से स्टार्ट जो इंतहाई महरबान, रहमत वाला है। “Surah Yaseen Hindi“
(1) यासीन
तर्अजुमा :- यासीन
(2) वल कुर-आनिल हकीम
तर्अजुमा :- हिक्मत वाले कुरान की कसम Surah Yasin ek bahut ahem aur mukhya hissa hai Quran ka.
(3) इन्नका लमिनल-मुरसलीन
तर्अजुमा :-बेशक तुम रसूलों में से हो
(4) अला सिरातिम्मुस्तकीम
तर्अजुमा :- सीधी राह पर हो
(5) तनज़ीलल अजीज़िर्र-रहीम
तर्अजुमा :- इज्ज़त वाले मेहरबान का उतारा हुआ
(6) लितुन ज़िरा कौमम्मा उनज़िर-आबाउहुम फहुम गाफिलून
तर्अजुमा :- ताकि तुम उस कौम को डराओ जिनके पिता-दादा को नहीं डराया गया,”Surah Yaseen : Online Meaning” तो वे घाटे में पड़े हुए हैं
(7) लकद हक्लक़ कौलु अला अकस-रिहिम फहुम ला युअ’मिनून
तर्अजुमा :- बेशक उनमें अक्सर सबित हो चुका है, तो वे ईमान नहीं लाएंगे।
(8) इन्ना-जअल्ना फी अअ'ना क़ीहिम अग़लालन फहिय इलल अजक़ानि फहुम मुक़महून
तर्अजुमा :- हमने उनके गर्दनों में तोंग डाल दी है, तो वे थोड़ी सी हीं हैं, तो वे ऊपर की ओर मुंह उठाए हुए हैं।
(9) व जअल्ना मिम बैनि-ऐदी हिम सद्दव वमिन ख़लफिहिम सद्दन फअग शैनाहुम फहुम ला युबसिरून
तर्अजुमा :-“surrey yaseen”और हमने उनके सामने दीवार बना दी और उनके पीछे (भी) एक दीवार (बना दी) और ऊपर से (भी) ढ़ांक दिया तो उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता।
(10) वसवाउन अलैहिम अअनज़रत-हुम अम-लम तुनज़िरहुम ला युअ’मिनून
तर्अजुमा :- और तुम्हारा उन्हें डराना या नहीं डराना, उन पर बराबर है, वे ईमान नहीं लाएंगे।
(11) इन्नमा तुन्ज़िरू मनित तब अज्ज़िकर- व खशियर्र-रहमान बिल्गैबि फबश्शिरहु बिमग फिरतिव व अजरिन करीम
तर्अजुमा :- तुम तो सिर्फ उसे डराते हो जो नसीहत की परवाह करे और रहमान से बिना देखे डरे तो उसे माफ़ी और आज़ादी के सवाल की ख़बर दो।
(12) इन्ना नहनुह-नुहयिल मौता वनकतुबु मा क़द्दमु व आषारहुम वकुल्ल-शैइन अहसैनाहु फी इमामिम मुबीन
तर्अजुमा :- बेशक हम मुर्दों को ज़िंदा करेंगे और हम लिख रहे हैं जो (कार्य)”Surah Yaseen hindi” उन्होंने आगे भेजा और उनके पीछे छोड़े हुए निशानात को और एक ज़ाहिर करने वाली किताब में हर चीज़ हमने शुमार की है।
Surah Yasin mein Allah ke fazail aur rehmat ka zikr kiya gaya hai
(13) वज़रिब लहुम मषलन असहाबल करयते इज़जा अहल मुरसलुन
तर्अजुमा :- और उनसे शहर वालों की मिसाल बयान करो जब उनके पास रसूल आए।
(14) इज़ अर-सलना इलई हिमुस नैनि फकज़-जबूहुमा फ अज्ज़ज्ना बिसा लिसिन फकालू इन्ना इलैकुम मुरसलुन
तर्अजुमा :- जब हमने उनकी तरफ दो रसूल भेजे तो उन्होंने उनको झुटलाया, तो हमने तीसरे के जरिए मदद की तो सभी ने कहा कि बेशक हम तुम्हारी तरफ भेजे गए हैं।
(15) कालू मा-अन्तुम इल्ला बशरुम मिषलूना वमा अनज़लर्र-रहमानु मिन शैइन इन अन्तुम इल्ला तकज़िबुन
तर्अजुमा :- लोगों ने कहा: तुम तो हमारे जैसे आदमी हो और रहमान ने कोई चीज़ नहीं उतारी, तुम सिर्फ़ झूठ बोल रहे हो।
(16) क़ालू-रब्बुना यअ'लमु इन्ना इलै-कुम लमुरसलून
तर्अजुमा :- रसूलों ने कहा: हमारा रब जानता है कि बेशक हम तुम्हारी तरफ भेजे गए हैं।
(17) वमा अलैना इल्लल बलागुल मुबीन
तर्अजुमा :- और हमारा जिम्मा सिर्फ स्पष्ट तौर पर प्रचार करना है।
(18) कालू इन्ना ततैयरना बिकुम लइल्लम तनतहू लनरजु मन्नकूम वला यमस सन्नकुम मिन्ना अज़ाबुन अलीम
तर्अजुमा :- लोगों ने कहा: हम तुम्हें बदनाम समझते हैं। बेशक अगर तुम बाज नहीं आए तो हम तुम्हें ज़रूर संघर्ष करेंगे और ज़रूर तुम्हें हमारी तरफ़ से दर्दनाक सज़ा पहुँचेगी। “Is surah mein insani zindagi aur aakhirat ke liye zaroori naseehat di gayi hai.”
(19) कालू ताइरु-कुम म-अकुम अइन ज़ुक्किरतुम बल अन्तुम क़ौमूम्मुस रिफून
तर्अजुमा :- तुम्हारी निंदा तो तुम्हारे साथ है। क्या अगर तुम्हें सलाह दी जाए (तो तुम उसे बदगुमानी कहते और इनकार करते हो) बल्कि तुम हद से बढ़ने वाले लोग हो।
(20) वजा अमिन-अक्सल मदीनति रजुलुइं यसआ काला या कौमि-त्तबिउल मुरसलीन
तर्अजुमा :- “Surah Yaseen “और सिटी के दूर के साहिल से एक शख्स भागता हुआ आया, उसने अर्ज़ किया: ये मेरी क़ौम! उन रसूलों की पीछा करो।
(21) इत्तबिऊ मल्ला यसअलुकुम अजरौवं वहुम मुहतदून
तर्अजुमा :- ऐसों की पीछा करो जो तुमसे कोई मुआवज़ा नहीं मांगते और वे हिदायत याफ़त़ा हैं।
(22) वमालियला अअ’बुदुल्लज़ी फतरनी वइलैहि तुरजऊन
तर्अजुमा :- और मुझे क्या है कि मैं उस की इबादत न करूं जिसने मुझे पैदा किया और उसी की तरफ़ तुम लौटाये जाओगे।
(23) अ-अत्तखिज़ु मिन-दुनिही आलिहतन इं-युरिदनिर्र-रहमानु बिजुर्रिर -ल्ला-तुगनि अन्नी शफ़ा अतुहुम शै-अवं-वला यूनकिजून
तर्अजुमा :- क्या मैं अल्लाह के सिवा और माबूद बना लूं, कि अगर रहमान मुझे कोई नुकसान पहुंचाना चाहें तो उनकी सिफारिश मुझे कोई फ़ायदा न दे और न वे मुझे बचा सकेंगे।
(24) इन्नी इज़ल लफी ज़लालिम मुबीन
तर्अजुमा :- बेशक जब तू मैं खुली गुमराही में होगा।
(25) इन्नी आमन्तु बिरब बिकुम फसमऊन
तर्अजुमा :- बेशक मैं तुम्हारे रब (अल्लाह) पर ईमान लाया तो तुम मेरी सुनो।
(26) क़ीलद खूलिल जन्नत काल या-लैत क़ौमि यअ’लमून
तर्अजुमा :- (इस से) फरमाया गया कि तू जहन्नम में दाखिल हो जा, उसने कहा: अरे काश कि मेरी क़ौम समझ लेती।
(27) बिमाग़फरली रब्बी व-जअलनी मिनल मुकरमीन
तर्अजुमा :- जैसी मेरे रब ने मुझे माफ़ किया और मुझे बड़े लोगों में शामिल किया।
(28) वमा अन्ज़लना अला क़ौमिही मिम-बअ’दिही मिन-जुन्दिम मिनस्समा इ-वमा कुन्ना मुनजलीन
तर्अजुमा :- और हमने उसके बाद उसकी क़ौम पर आसमान से कोई सेना नहीं भेजी और न हम (वहाँ कोई सेना) भेजने वाले थे।
(29) इन कानत-इल्ला सैहतऊ वाहिदतन फइज़ा हुम् खामिदून
तर्अजुमा :- “Surah Yaseen Hindi me” वह सिर्फ एक चीख थी तो जबही वे बुझ कर रह गए।
(30) या हसरतन अलल इबादि मा-यअ’तीहिम मिर्रुरसूलिन इल्ला कानू बिही यस-तहज़िउन
तर्अजुमा :- (और कहा गया कि) हाय अफ़सोस उन बंदों पर कि उनके पास कोई रसूल आता है तो उस से ठट्ठा मज़ाक ही करते हैं।
(31) अलम यरौकम-अहलकना क़ब्लहुम मिनल-कुरूनि अन्नहुम इलैहिम ला-यरजिउन"
तर्अजुमा :- क्या उन्होंने नहीं देखا कि हमने उन से पहले कितनी कौमें हलाक कर दीं, कि वे अब उन की तरफ़ पलटने वाले नहीं।
(32) व-इन कुल्लुल्लम्मा जमीउल्लदैना मुह्ज़रून
तर्अजुमा :- और जो भी हैं, सब के सब हमारे हुज़ूर हाज़िर किए जाएँगे।
(33) व-आयतुल लहुमूल अरज़ुल मै-तह अहययनाहा व अखरजना मिन्हा-हब्बन फमिनहु यअ'कुलून
तर्अजुमा :- और उनके लिए एक निशान मृत ज़मीन है, हमने उसे ज़िंदा किया और उससे अनाज निकाला, तो उसमें से वे खाते हैं।
(34) व-जअलना फीहा जन्नातिम्मिन नखीलिवं व-अअ’नाबिवं व फज्जरना फीहा-मिनल उयून
तर्अजुमा :- और हमने उसमें खजूरों और अंगूरों के बाग बनाए और हमने उसमें कुछ चश्मे बहाए।
(35) लियअ'कुलु-मिन समरिही वमा अमिलतहु अयदीहिम अफला यशकुरून
तर्अजुमा :- ताकि लोग उसके फलों में से खाएं और यह उनके हाथों ने नहीं बनाये तो क्या वे शुक्र अदा नहीं करेंगे?
(36) सुब्हानल्लज़ी ख़ल-क़ल अज़वाज कुल्ल-हा मिम्मा तुमबितुल अरज़ू व-मिन अनफुसिहिम वमिम्मा-ला'यअलमून
तर्अजुमा :- पाक है वह जिसने सब जोड़े बनाए, ज़मीन की उगाई हुई चीज़ों से और लोगों से, और उन चीज़ों से जिन्हें वह जानते भी नहीं हैं।
(37) व आयतुल लहुमूल-लैल नसलखु मिन्हुन्नहारा फइज़ा हुम्मुज़लिमून
तर्अजुमा :- और उनके लिए एक निशानी रात है, हम उस पर से दिन को खींच लेते हैं तो जबही वे अंधेरों में रह जाते हैं।
(38) वश्शमसु तजरि-लिमुस्त क़र्ररिल्लहा ज़ालिका तक़्दीरूल अज़ीज़िल'अलीम
तर्अजुमा :- और सूरज अपने ठहरने के वक़्त तक चलता रहेगा, यह ज़बरदस्त, इल्म वाले का मुक़र्रर किया हुआ है।
(39) वलकमर कद्दर-नाहु मनाज़िला-हत्ता आद कल उरजुनिल'क़दीम
तर्अजुमा :- और चाँद के लिए हमने मंज़िलें मुक़र्रर की हैं इस क़दर कि वह खजूर की पुरानी शाख जैसा हो जाता है।
(40) लश्शम्सु यमबगी-लहा अन तुदरिकल कमरा वलल्लैलु साबिकुन्नहार व-कुल्लुन-फी फलकीं 'यसबहून
तर्अजुमा :-सूरज को लायक नहीं कि चाँद को पकड़े और न रात दिन पर सबक़त ले जाने वाली है, और हर एक दौरे में तीर रहा है।
(41) व आयतुल्लहुम-अन्ना हमलना ज़ुर्ररियतहूम फिल-फुल्किल मशहून
तर्अजुमा :- और उनके लिए एक निशानी यह है कि हमने उनकी नस्लों को भरी हुई कश्ती में सवार किया।
(42) व ख़लकना-लहुम-मिम्मिस्लिही-मा'यरकबून
तर्अजुमा :- और हमने उनके लिए वैसी ही कश्तियाँ बनाईं जिन पर सवार होते हैं।
(43) व इन्नशअ नुग़रिक हुम फला सरीखलहुम वाला हुम'युन्क़जून .
तर्अजुमा :- और अगर हम चाहें तो उन्हें डुबो दें, तो न कोई उनकी फ़रियाद को पहुंचने वाला हो और न उन्हें बचाया जाए।
(44) इल्ला रहमतम्मिन्ना व-मताअन इलाहीन
तर्अजुमा :- मगर हमारी तरफ़ से रहमत और एक वक़्त तक फ़ायदा उठाने (की महियत हो)।
(45) व इज़ा-कील-लहुमुत्तकू मा बैन-अयदीकुम वमा-खल्फकुम ल'अल्लकुम तुरहमून
तर्अजुमा :- और जब उनसे फ़रमाया जाता है, “Surah Yaseen ka matlab” ‘डरो उससे जो तुम्हारे सामने है और जो तुम्हारे पीछे आने वाला है’ उस उम्मीद पर कि तुम पर रहम किया जाए।
(46) वमा तअ'तीहिम मिन आयतिम्मिन आयाति-रब्बिहिम इल्ला कानू-अन्हा मुअ'रिजीन
तर्अजुमा :- और जब कभी उनके रब की निशानियों से कोई निशानी उनके पास आती है, तो वे उस से मुँह फेर लेते हैं।
(47) व इज़ा कीला लहुम अन्फिकू मिम्मा रज़क़-कुमुल्लाहु क़ाल्लज़ीना कफरू लिल्लज़ीना आमनू-अनुतइमू मल्लौ यशाऊल्लाहू अतअमह इनअन्तुम इल्ला फ़ीज़लालिम मुबीन
तर्अजुमा :- और जब उनसे फरमाया जाता है कि अल्लाह के दिए में से कुछ उसकी राह में खर्च करो तो काफिर मुसलमानों को कहते हैं कि क्या हम उसे खिलाएँ जिसे अल्लाह चाहता तो खिला देते, तुम तो खुली गुमराही में ही हो।
(48) व यकूलून-मता हाज़ल व'अदू इनकुनतुम सादिक़ीन
तर्अजुमा :- और कहते हैं: ‘यह वादा कब आएगा? अगर तुम सच बोलते हो तो जवाब दो। – सूरह यासीन हिंदी में””
(49) मा-यनज़ुरूना इल्ला सैहतवंव़ाहिदतं-तअ-खुज़ुहुम वहुम यखिस्सिमून
तर्अजुमा :- वे सिर्फ़ एक चीख का इंतजार कर रहे हैं जो उन्हें उस हालत में पकड़ लेगी जब वे दुनिया के झगड़े में फंसे हुए होंगे।
(50) फला यस्ततीऊन तौसियतवं वलाइला अहलिहिम यरजिऊन
तर्अजुमा :- तो न वे वसीत कर सकेंगे और न ही अपने घरवालों की ओर पलट कर जा सकेंगे।
(51) वनुफ़िख फिस्सूरि फ़इज़ाहुम मिनल अज्दासि इला रब्बिहिम यन्सिलून
तर्अजुमा :- और सूर में फूंक मारी जाएगी, तो उसी वक़्त वे क़ब्रों से अपने रब की ओर दौड़ते चले जाएंगे।
(52) कालू या वय्लना ममब-अषना मिम्मरक़दिना हाज़ा मा व-अदर रहमानु वसदकल मुरसलून
तर्अजुमा :- कहेंगे: ‘हाय हमारी खराबी! किसने हमें हमारी नींद से जगा दिया? यह वह है जिसका रहमान ने वादा किया था और रसूलों ने सच फरमाया था।
(53)इनकानत इल्ला सयहतवं वाहिदतन फ़इज़ा हुम जमीउल्लदैना मुहज़रून
तर्अजुमा :- वह तो सिर्फ़ एक चीख होगी तो उसी वक़्त वह सभी हमारे हुज़ूर हाज़िर कर दिए जाएंगे।
(54) फलयौम लातुज्लमु नफ्सून शैअवं वला तुज्जजौव्ना इल्ला-बिमा कुंतुम तअ'लमून
तर्अजुमा :- तो आज किसी जान पर कोई जुल्म नहीं होगा और तुम्हें तुम्हारे आमाल ही का बदला दिया जाएगा।
(55) इन्न असहाबल जन्न्तिल यौम-फ़ी-शुगुलिन फाकिहून
तर्अजुमा :- बेशक जन्नत वाले आज दिल बहलाने वाले कामों में लुत्फ़ अंदाज़ (हो रहे) होंगे।
(56) हुम वअज्वाजुहूम फ़ी-ज़िलालिन अलल-अराइकि मुत्तकिऊन
तर्अजुमा :- वे और उनकी पत्नियाँ तख्ततो पर ताकिया लगाए सायों में होंगे।
(57) लहुम-फ़ीहा फाकिहतुवं-वलहुम मा'यद्दऊन
तर्अजुमा :- उनके लिए जन्नत में फल-मेवा होगा और उनके लिए हर वह चीज़ होगी जो वे मांगेंगे।
(58) सलामुन कौलम्मिर्र रब्बिर्रहीम
तर्अजुमा :- महरबान रब की तरफ़ से फरमाया हुआ सलाम होगा।
(59) वमताज़ुल यौमा-अय्युहल मुजरिमून
तर्अजुमा :- और (कहा जाएगा) ऐ मुजरिमों! आज अलग-अलग हो जाओ।
(60) अलम-अअ'हद इलैकुम याबनी आदम-अल्ला तअ'बुदुश्शैतान इन्नहू लकुम अदुववुम मुबीन
तर्अजुमा :- ऐ आदम के बेटों! क्या मैंने तुमसे वादा नहीं किया था कि तुम शैतान की पूजा न करो? वह तो तुम्हारा स्पष्ट दुश्मन है।
(61) व-अनिअबुदूनी हज़ा-सिरातुम मुस्तक़ीम
तर्अजुमा :- और मेरी पूजा करना, यह सीधी राह है।
(62) वलक़द अज़ल्ला मिन्कुम जिबिल्लन कसीरन अफलम तकूनू तअ'किलून
तर्अजुमा :- और बेशक उसने तुम में से बहुत सी मानवता को गुमराह कर दिया, तो क्या तुम समझते नहीं थे?
(63) हाज़िही जहन्नमुल्लती कुन्तुम-तूअदून
तर्अजुमा :- यही है वह जहन्नुम जिससे तुम्हें डराया जाता था।
(64) इस्लौहल यौमाबिमा कुन्तुम तक्फुरून
तर्अजुमा :- अपने कुफ़्र के कारण आज तुम उसमें प्रवेश करो।
(65) अल यौमा नाख्तिमु अला-अफ्वा हिहिम वतुकल्लिमुना अयदीहिम वतशहदू अरजुलुहुम बिमा कानू यक्सिबून
तर्अजुमा :- आज हम उनके मुंह पर मोहर लगा देंगे और उनके हाथ हमसे बोलेंगे “Surah Yasin“और उनके पैर उनके कामों की गवाही देंगे।
(66) वलौनशाउ-लतमसना अला अअ'युनिहिम फ़सतबकुस्सिरात फअन्ना युबसिरून
तर्अजुमा :- और अगर हम चाहते तो उनकी आँखें मिटा देते, तो वे जल्दी से सीधे रास्ते की तरफ जाते, तो कहाँ से दिखाई देता?
(67) वलौनशाउ लमसखनाहुम अला मकानतिहिम फमसतताऊ मुजिय्यौ वलायर-जिऊन
तर्अजुमा :- और अगर हम चाहते तो उनकी जगह पर ही उनकी सूरतें बदल देते, तो वह आगे बढ़ सकते और न पीछे लौटते।
(68) वमन नुअम्मिरहु नुनक्किसहु फिलखल्क अफला यअ'किलून
तर्अजुमा :- और जिसे हम लंबी आयु देते हैं, उसकी बनावट में हम उसे उलटा फिरा देते हैं, तो क्या वह समझते नहीं?
(69) वमाअल्लम नाहुश्शिअ'र्र वमायम्बगी लह इनहुवा इल्ला जिक्रुवं व कुरआनुम्मुबीन
तर्अजुमा :- और हमने नबी को शाइरी करना सिखाया नहीं और न वह उनकी शान के लायक है, वह तो नहीं मगर नसीहत और प्रकाशमय क़ुरान।
(70) लियुनजिर मनकाना हय्यव वयहिक्क़ल कौलु अलल-काफ़िरीन
तर्अजुमा :- ताकि वह हर ऐसे व्यक्ति को डराएजो जिंदा हो और काफ़िरों पर बात साबित हो जाए।
(71) अवलम यरव अन्ना खलक्नालहुम मिम्मा अमिलत अय्दीना अनआमन फहुमलहा मालिकून
तर्अजुमा :- और क्या उन्होंने नहीं देखا कि हमने अपने हाथों से बनाए हुए चौपाय उनके लिए पैदा किए तो ये उनके मालिक हैं।
(72) व ज़लल्ल नाहालहुम फमिन्हा रकू बुहुम वमिन्हा यअ'कुलून
तर्अजुमा :- और हमने उन चौपायों को उनके लिए ताबेदार कर दिया तो वह चौपायों से कुछ उनकी सवारियां हैं और कुछ से वह खाते हैं।
(73) वलहुम फ़ीहा मनाफ़िउ वमशारिबु अफला-यश्कुरून
तर्अजुमा :- और लोगों के लिए उन चोपाइयों में कई तरह के मनाफ़े और पीने की चीजें हैं, तो क्या वे लोग शुक्र अदा नहीं करेंगे?
(74) वत्तखजू मिन दूनिल्लाहि आलिहतल-लअल्लहुम युन्सरून
तर्अजुमा :- और उन्होंने अल्लाह के सिवा और माबूद बना लिए कि शायद उनकी मदद हो जाए।
(75) ला यस्त तीऊन नसरहुम वहुम लहुम जुन्दुम मुह्ज़रून
तर्अजुमा :- वे माबूदों की मदद नहीं कर सकते और वे लोग खुद को माबूदों की खिदमत के लिए तैयार लश्कर बने हुए हैं।
(76) फलायह्ज़ुन्का क़व्लुहुम इन्नानअ'लमु मायुसिर्रूना वमा युअ'लिनून
तर्अजुमा :- तो उनके वचन तुम्हें दुःखित न करें। बेशक, हम जानते हैं वे क्या छुपाते हैं और जो जाहिर करते हैं।
(77) अव लमयरल इंसानु अन्ना खलक्नाहू मिनन्नुत्फ़तिन फ़इज़ाहुवा खासीमुम्मुबीन
तर्अजुमा :- और क्या इंसान ने नहीं देखा कि हमने उसे एक बूँद से बनाया, फिर तब ही वह खुलमखुला झगड़ा करने वाला है।
(78) व ज़रबलना मसलवं वनसिया खल्कह काला मय युहयिल इजाम वहिय रमीम
तर्अजुमा :- और हमारे लिए मिसाल देता है और अपनी पैदाइश को भूल गया। कहने लगा: ऐसा कौन है जो हड्डियों को जीवित कर दें, जबकि वे पूरी तरह सूख चुकी हों।
(79) कुल युहयीहल्लज़ी अनशअहा अव्वल-मर्रह वहुव बिकुलली खलकिन अलीम
तर्अजुमा :- तुम कहो: उसी ने उन हड्डियों को जिन्हें पहली बार बनाया उन्हें जीवित करेगा और वह हर पैदाइश को जानने वाला है।
(80) अल्लज़ी जअललकुम मिनश्शजरिल अख्ज़रि नारन फ़इज़ा अन्तुम्मिन्हु तूकिदून
तर्अजुमा :- जिसने तुम्हारे लिए हरा पेड़ पैदा किया, तो फिर तुम उससे आग जलाते हो
(81) अव लैसलल्लज़ी खलक़स्स-मावाती वलअरज़ बिक़ादिरिन अला यइं ख्लुक़ा मिस्लहुम बला-वहुवल खल्लाकुल अलीम
तर्अजुमा :- और क्या जिसने आसमान और ज़मीन बनाए, वह उस बात पर क़ादिर नहीं कि उन जैसे और पैदा कर दे? क्यों नहीं! और वही बड़ा पैदा करने वाला, सब कुछ जानने वाला है।
(82) इन्नमा अमरुहू इज़ाअरादा शैअन अयंयकूला लहू-कुनफयकून
तर्अजुमा :- उसका काम तो यही है कि जब किसी चीज़ का इरादा फ़रमाता है, तो उस से फ़रमाता है, ‘हो जा’ तो वह हो जाती है।
(83) फ-सुबहानल्लज़ी बियदिही मलकूतु कुल्ली शैइवं व इलैहि तुरजउन
तर्अजुमा :- तो पाक है वह जिसके हाथ में हर चीज़ का कब्ज़ा है और उसी की तरफ तुम फिरेंगे।
क़ुरान में सूरह यासीन की फ़ज़ीलत:
सूरह यासीन की फ़ज़ीलत “Surah Yaseen ki fazilat in Hindi” के बारे में क़ुरान में कहा गया है: “हम तुम्हें यह भरोसा दिलाते हैं कि तुम्हारे अमल और समझ के लिए कुरान एक महान और विलक्षण किताब है, जिसमें बेहतरीन शान और अनोखी पहचान है।” (सूरह यासीन, 36:2) surah yaseen full
यासीन की फ़ज़ीलत हदीस में:
Surah Yaseen ki Fazilat Hadith mein: रसूलउल्लाह ﷺ ने सूरह यासीन की फ़ज़ीलत के बारे में फ़रमाया: “जो शख्स हर हफ्ते में एक बार सूरह यासीन पढ़ता है, उसके लिए उसकी मौत का दिन बहुत आसान होता है।” (तिर्मिज़ी)
सूरह यासीन की फ़ज़ीलत:
Surah Yaseen ki Fazilat in Hindi:
सूरह यासीन पढ़ने की फज़ीलत में शामिल है कि इसे पढ़ने वाले को अल्लाह की रहमत, मग़फिरत और बरकत नसीब होती है। इस सूरह को दिलों की रोशनी और गुनाहों की माफी के लिए भी माना जाता है।इसके अलावा, इस सूरह को पढ़ने से रोज़ी में बरकत होती है और मुसीबत से निजात मिलती है। सूरह यासीन को पढ़ने से मरहूमों की माग़्फिरत होती है और उनके लिए दुआ क़बूल होती है।
Surah Yasin ko padhne wala shakhs apne gunahon se tauba kar leta hai aur Allah ki rahmat ki talab mein badh jata hai.
सूरह यासीन की फ़ज़ीलत और फ़ायदे:
Surah Yaseen ki Fazilat aur Fayde: सूरह यासीन को पढ़ने से इंसान का ईमान मज़बूत होता है और दिल को सुकून मिलता है। इस सूरह की तिलावत करने से शैतानी वस्वसे दूर होते हैं और ज़हनी परेशानियों से निजात मिलती है। इसके अलावा, सूरह यासीन की फ़ज़ीलत में शामिल है कि इस सूरह को पढ़ने वाला शख्स अपने गुनाहों से तौबा कर लेता है और अल्लाह की रहमत की तलब में बढ़ जाता है।”
महत्वपूर्ण सवाल(FAQ’s)
- सूरह यासीन की क्या महत्वता?
- कैसे इसे पढ़ें और सुनें?
- क्या है इसका पुराना इतिहास?
Islam क्या है? 5 Powerful बातें जो जाननी चाहिए
दुनिया का सबसे अच्छा इंसान कौन है?
Full Namaz : Step By Step in Hindi best Translation
सूरह यासीन के फ़ज़ाइल को समझने के लिए यह ब्लॉग पोस्ट पढ़ा, आशा है आपको पसंद आया। सूरह यासीन पढ़ने से दिल को सुकून मिलता है और ज़िंदगी में बरकत होती है। आख़िर में, यह सोचकर चलें कि सूरह यासीन एक हिदायत और रहमत का ज़रिया है। शुक्रिया।
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