सूरह मुल्क हिंदी में | Surah Mulk in Hindi Text
Surah Mulk in Hindi Text

Surah Mulk in Hindi: क्या आप जानते हैं कि सिर्फ सूरह मुल्क की तिलावत करने से आपको कब्र के अज़ाब से बचाव मिल सकता है? अल्लाह के नबी (ﷺ) ने इसे हर रात पढ़ने की ताकीद की है ताकि हम मौत के बाद की मुश्किलों से महफूज़ रह सकें। जानिए सूरह मुल्क की वो छुपी हुई फज़ीलतें, जो आपकी जिंदगी बदल सकती हैं – इसे पढ़ना क्यों जरूरी है और कैसे ये आपको अल्लाह की रहमत में डुबो देती है!

(पढ़ें पूरी जानकारी और जानें इस पवित्र सूरह के अनमोल फायदे): Surah Mulk in Hindi

Surah Mulk in Hindi Text

सूरह मुल्क, जो पवित्र कुरान की 67वीं सूरह है, को खासकर रात में पढ़ने की फज़ीलत बताई गई है। इसे ‘सूरह अल-मुल्क’ कहा जाता है और इसमें 30 आयतें हैं।

۝ बिस्मिल्लाह हिर-रहमानिर-रहीम। ۝

तबारकल-लज़ी बियदिहिल-मुल्कु व हूवा अला कुल्लि शैयिन क़दीर ۝ अल्लज़ी खलकल-मौत वल-हयात लियबलुवकुम अय्युकुम अह्सनु अमला। व हूवल अज़ीजुल-ग़फूर ۝ अल्लज़ी खलका सबआ समावातिन तिबाक़ा। मा तारा फी खल्किर-रहमानि मिन तफावुत। फरजिअिल बसरा हल तारा मिन फ़ुतूर ۝ सुम्मारजिअिल बसरा कर्रतैनि यनक़लिब इलैकल बसरु ख़ासिअव-व हुवा हसीर ۝

व ल-क़द ज़य्यन्नस-समा-अद-दुन्या बि-मसाबिह व ज-आल्नाहा रजूमल-लिश्शयातीन व अ-अतद्ना लहुम अज़ाबस-सईर ۝ व लिल्लज़ीना कफ़रू बि-रब्बिहिम अज़ाबु जहन्नम व बि’सल मसीर ۝ इज़ा उल्कू फीहा सामिऊ लहा शहीकव-व हिया तफूर۝ तकादु तमैय्यज़ु मिनल-ग़ैज़ि। कुल्लमा उल्किय फीहा फ़ौजुन स-अलहुम ख़ज़नतुहा अलम यअतिकुम नज़ीर ۝ कालू बला क़द जा-अना नज़ीरुन फ-कज़्ज़ब्ना व कुल्ना मा नज़्जलल्लाहु मिन शैय इन अंन्तुम इल्ला फी दलालिन कबीर ۝  

व कालू लौ कुन्ना नस्मअ’उ अव नक़िलु मा कुन्ना फी अस्हाबिस्सईर ۝ फ़अ’तरफू बि-ज़नबिहिम फ-सुह्कन लि अस्हाबिस्सईर ۝ इन्नल-लज़ीना यख्शौना रब्बहुम बि-ल-ग़ैबि लहुम मग़फ़िरतु व अज्रुन कबीर ۝ व असिर्रू क़ौलकुम अविज्हरू बि-हि इन्नहू अलीम बि-ज़ातिस्सुदूर ۝ अल-यअलमू मन खलक़ा व हुवल-लतीफुल-ख़बीर ۝ हुवल-लज़ी ज-अ’ल ल-कुमुल-अर्दा ज़लूलन फम्शू फी मनाकिबिहा व कुलू मि-रिज्किहि व इलैहिन-नशूर ۝ अ-अमिन्तुम मं फिस्समाइ अ-य्यख्सिफ़ बिकुमुल अर्द फ-इज़ा हिया त-मूर ۝ सूरह अल-मुल्क तर्जुमे के साथ पढ़ें

अम अमिन्तुम मं फिस्समाइ अ-युर्सिला अ’लैकुम हासिबा फ-स-तअ’लमू-न कैफा नज़ीर ۝ व-ल-क़द कज़्ज़बल्लज़ी-न मिन क़ब्लिहिम फ़कैफ़ कान नकीर ۝ अ-व-लम य-रव इ-लत्त-यि-र फ-औकहुम साफ़्फ़ातिं-व-यक़बिज़्न। मा युम्सिकुहुनَّ इल्ला-र्रह्मानु इन्न-हू बि-कुल्लि शै-इन बसीर ۝ अ-मं हाज़ल-लज़ी हुवा जुन्दुल-ल-कुम यन्सुरुकुम मिन्न-दूनिर-रह्मान। इन्निल-काफिरू-न इल्ला फी ग़ुरूर। ۝ अ-मं हाज़ल-लज़ी य-रज़ुकुकुम इ-न अम्सक रज़्कह। बल लज्जू फी-उ’तुविं-व-नुफूर ۝

अफ़-मन यंशी मुकिब्बं अ’ला वज्हिहि अह्दा अ-मं यंशी सवियं अ’ला सिरातिम-मुस्तक़ीम ۝ कुल हु-वल्लज़ी अं-शअ-कुम व ज-आल ल-कुमुस-सम-अ वल-अबस़ार वल-अफ्इदह। क़लीलम्मा तश-करून ۝ कुल हु-वल्लज़ी ज़-रअ-कुम फ़िल-अर्दि व-इलैहि तुह्शरून ۝ व-यक़ूलू-न म-ता हाज़ल-व-अ’दु इन् कुं तुम सादिक़ीन ۝ कुल इन्नमल-इ’ल्मु अिन्दल्लाहि व-इन्न-मा अ-ना नज़ीरुम-मुबीन ۝ फ-लम्मा र-अवहु ज़ुल्फतन सियअत वुजूहुल्लज़ी-न क-फ़रू व-क़ील हाज़ल-लज़ी कुंतुम बि-हि त-दअ’-ऊन ۝

कुल अर-अय-तम इन अह्लक-नियल्लाहु व-मं म-अ-या अ-व र-हिमना फ-मं यु-जीरुल-काफ़िरीन मिन अज़ाबिं-अलीम ۝ कुल हु-र्रह्मानु आ-मन्ना बि-हि व-अलैहि तवक्कलना फ-स-तअ’लमू-न म-न हुवा फी दलालिं-मुबीन ۝ कुल अर-अय-तुम इन अस्बह माऊ-कुम ग़ौरं फ-मं य-तिकुम बि-मा-आइं-म-ईन ۝ और पोस्ट पढ़ें

Surah Al-Mulk Hindi Tarjuma

सूरह मुल्क का तर्जुमा इस प्रकार है: “वह बड़ा बरकत वाला है, जिसने इस संपूर्ण राज्य को अपने हाथ में रखा है और वह हर चीज पर क़ादिर है। उसने मृत्यु और जीवन को इसलिए बनाया कि वह तुम्हारा इम्तेहान ले सके कि कौन सबसे अच्छे कर्म करता है।…”

Surah Mulk In Hindi Photo

नीचे दी गई इमेज में सूरह मुल्क को हिंदी में लिखा गया है। इसे आप डाउनलोड कर सकते हैं:

Surah Mulk In Hindi सूरह अल-मुल्क (हिंदी में पढ़ें)
Surah Mulk In Hindi सूरह अल-मुल्क (हिंदी में पढ़ें)
Surah Mulk In Hindi सूरह अल-मुल्क (हिंदी में पढ़ें)

सूरह मुल्क हिंदी पीडीएफ | Surah Mulk in Hindi PDF

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सूरह मुल्क की फ़ज़ीलत | Surah Mulk ki Fazilat in Hindi

सूरह मुल्क की फ़ज़ीलत | Surah Mulk ki Fazilat in Hindi

इस्लाम में सूरह मुल्क को खास मुकाम हासिल है, और इसकी तिलावत से इंसान की जिंदगी और मौत के बाद के सफर में खास लाभ मिलता है। यह सूरह न सिर्फ अल्लाह के करीब लाती है बल्कि कब्र के अज़ाब से भी हिफाजत का वादा करती है। हदीस और कुरान में इसके महत्व का कई जगह जिक्र है, जो इसे हर मुसलमान के लिए खास बना देता है। आइए जानते हैं सूरह मुल्क की फ़ज़ीलत को इस्लामिक नजरिए से, कुरान और हदीस के प्रमाणों के साथ।

सूरह मुल्क कुरआन की 67वीं सूरह है, जिसे “तबारकल्लज़ी” भी कहा जाता है। यह सूरह अपने अंदर अल्लाह की ताकत, उसके क़ुदरत के नज़ारे और इंसानी ज़िंदगी की हकीकत को बयान करती है। हदीसों में इसका खास ज़िक्र मिलता है और नबी करीम (ﷺ) ने इसकी तिलावत की अहमियत को खूब बयान किया है।

हज़रत मुहम्मद (ﷺ) ने फरमाया: “सूरह मुल्क अपने पढ़ने वाले के लिए जहन्नम से बचाव का ज़रिया बनती है।” यह सूरह क़ब्र के अज़ाब से निजात दिलाने वाली कही गई है। अल्लाह के नबी (ﷺ) ने इसे रात में पढ़ने की ताकीद की है, ताकि यह सूरह हमारे और अज़ाब के बीच ढाल बन जाए।

सिर्फ 30 आयात पर मबनी यह सूरह हमें अल्लाह की बनाई हुई कायनात पर गौर करने का सबक देती है। इसमें बार-बार इस बात की तरफ तवज्जोह दिलाई गई है कि इंसान अल्लाह की कुदरत के नज़ारे देखे और उसे पहचानने की कोशिश करे।

जो शख्स हर रात इसे पढ़ता है, उसके लिए यह जन्नत की राह आसान कर देती है। तो क्यों न इसे अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाया जाए? सूरह मुल्क सिर्फ तिलावत के लिए नहीं, बल्कि अल्लाह के करीब होने और उसकी नेमतों को समझने का जरिया भी है।

क्या आपने इसे आज पढ़ा? अगर नहीं, तो इसे अपनी रातों का हिस्सा बनाएं और सुकून पाएं।

1. कब्र के अज़ाब से हिफाज़त करने वाली : Surah Mulk HIndi mein

हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद (रज़ि. अल्लाहु अन्हु) ने बताया कि रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाते हैं: Surah Mulk

  • “एक सहाबी (रज़ि. अल्लाहु अन्हु) ने बिना यह जाने कि वह एक कब्र है, उस पर तंबू लगाया। अचानक उन्हें कब्र से एक आवाज़ सुनाई दी, जिसमें एक शख्स सूरह अल-मुल्क पढ़ रहा था, और उसने इसे पूरा किया। वह तुरंत नबी करीम (ﷺ) के पास गए और कहा: “या रसूलुल्लाह, मैंने अपनी तंबू एक कब्र पर लगाया, जबकि मुझे पता नहीं था कि यह कब्र है। फिर मुझे अचानक कब्र से एक शख्स की आवाज़ सुनाई दी, जो सूरह अल-मुल्क पढ़ रहा था, और उसने इसे पूरा किया।” रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “यह “Surah Mulk” हिफाज़त करने वाली है, यह अज़ाब से छुटकारा दिलाने वाली है – यह कब्र के अज़ाब से हिफाज़त करती है।”
    (सुनन तिरमिज़ी, हदीस 2890)

यह हदीस इस सूरह की सबसे बड़ी फज़ीलत को दर्शाती है – कि इसकी तिलावत करने वाला इंसान मरने के बाद के सफर में कब्र की सज़ा से महफूज़ रहेगा। कब्र का अज़ाब एक ऐसा विषय है जिससे हर मुसलमान को डरना चाहिए, और सूरह मुल्क इस डर से बचने का एक प्रभावी ज़रिया है।

2. अल्लाह के हुकूमत का बयान

सूरह मुल्क की पहली आयत में अल्लाह फरमाता हैं: Surah Mulk in Hindi

“अल्लज़ी खलकल मौत————————अय्युकुम अह्सनु अमला।”

(सूरह मुल्क, आयत 1)

अर्थ: “वह (अल्लाह) निहायत बरकतों वाला है, जिसके हाथ में पूरी सल्तनत है और जो हर चीज़ पर पूरी ताकत रखता है।”

यह आयत हमें याद दिलाती है कि दुनिया की हर चीज़ का मालिक और हुकूमत करने वाला सिर्फ अल्लाह है। सूरह मुल्क हमें इसी ताकत और हकीकत को पहचानने का संदेश देती है।

3. हिफाजत और बरकत का वादा

हज़रत जाबिर (रज़ि. अल्लाहु अन्हु) से मर्वी है कि नबी करीम (ﷺ) ने फ़रमाया:

  • हुज़ूर मुस्तफा () हर रात सोने से पहले इस सूरत की तिलावत फ़रमाया करते थे।
  • (इब्न हिब्बान, हदीस 1207)

इस हदीस से यह मालूम होता है कि जो व्यक्ति रोज रात सूरह मुल्क की तिलावत करता है, उसे अल्लाह की हिफाजत और रहमत नसीब होती है। यह आदत न सिर्फ दुनिया में बल्कि आख़िरत में भी फायदेमंद साबित होती है।

4. शफाअत (सिफ़ारिश) करने वाली सूरह

एक और हदीस में आता है कि:

  • “Quran में 30 Varse ऐसी हैं जो अपने पढ़ने वाले शख्स की Intercession (सिफ़ारिश) करेंगी और उसे माफ करवा देंगी, वो “Surah Al-Mulk” सूरह मुल्क है।”
    (अबू दाऊद, हदीस 1400)

इस हदीस से यह स्पष्ट होता है कि सूरह मुल्क अल्लाह के सामने अपने पढ़ने वाले के हक में दुआ करती है और उसके गुनाहों की माफी का कारण बनती है। यह इस सूरह का एक अनोखा फायदा है, जो इसे पढ़ने वाले को खास फायदों से नवाजता है।

5. जीवन और मृत्यु का मकसद समझाती है

Quran Surah Mulk 67:2 आयत में अल्लाह तआला फरमाता है: Surah Mulk in Hindi

“अल्लज़ी खलकल मौत————————अय्युकुम अह्सनु अमला।”

(सूरह मुल्क, आयत 2)

अर्थ: अर्थ: “उसने (अल्लाह ने) मौत और जिंदगी को इसलिए बनाया ताकि वह देखे कि तुममें से कौन सबसे अच्छे कर्म करता है।
यह आयत हमें यह समझाती है कि जिंदगी और मौत की हकीकत को समझना बहुत जरूरी है। अल्लाह ने हमें आज़माने के लिए पैदा किया है, और वही देखता है कि हम अपने अमल में कैसे हैं।

नतीजा: सूरह मुल्क की तिलावत से हासिल होने वाले फायदे

सूरह मुल्क की तिलावत से हम न सिर्फ अल्लाह की बारगाह में मक़बूलियत पाते हैं, बल्कि यह हमारी दुनिया और आख़िरत दोनों के लिए बरकत का जरिया बनती है। इस सूरह की तिलावत का मकसद सिर्फ सवाब पाना नहीं, बल्कि अल्लाह के करीब आकर उसकी हुकूमत और अपनी जिंदगी की अहमियत को पहचानना भी है।
सूरह मुल्क की तिलावत रोजाना करने से:

  • अल्लाह से हिफाजत मिलती है।
  • गुनाहों की माफी की उम्मीद होती है।
  • कब्र के अज़ाब से महफूज़ रहते हैं।
  • अल्लाह का खौफ और उसकी मुहब्बत दिल में बसी रहती है।

अल्लाह हमें सूरह मुल्क की तिलावत करने और इसकी फज़ीलतों से फायदा उठाने की तौफीक दे।

Surah Mulk ki Hadees in Hindi

हदीस:
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने इरशाद फ़रमाया कि सूरह मुल्क ऐसी सूरत है जो इंसान को कब्र के अज़ाब से महफूज़ रखती है।” (तिरमिज़ी)

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Surah Mulk से जुड़े कुछ FAQ’S

सवाल: सूरह मुल्क कब पढ़ी जानी चाहिए?

जवाब: इसे रात में सोने से पहले पढ़ने का सुझाव दिया गया है।

सवाल: क्या सूरह मुल्क की तिलावत से सच में सुरक्षा मिलती है?

जवाब: हदीसों के अनुसार, यह सूरह एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है।

Author

  • Islamichindi.com के मुसन्निफ़ इस्लामी मालूमात, क़ुरआन-ओ-हदीस और तारीख़ के माहिर हैं। बरसों से इस्लामी तालीमात को सहीह और मुसद्दक़ तरीके़ से अवाम तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मक़सद है के आम ज़बान में लोगों तक दीन-ए-इस्लाम की हक़ीक़ी तालीमात पहुँचाई जाएँ।

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Sher Mohammad Shamsi

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