सफर की दुआएं: यहां पढ़ें सफर की सबसे महत्वपूर्ण दुआएं हिंदी, Safar Ki Dua Hindi, अरबी और तर्जुमा के साथ। जानें हर दुआ की फज़ीलत और सफर में उनकी एहमियत। यात्रा के दौरान अल्लाह की रहमत और हिफाजत प्राप्त करें।
सफर की दुआ हिंदी, अरबी, तर्जुमा के साथ और उसकी फज़ीलत
अरबी में: سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُونَ
हिंदी में: सुभानल्लाही सक्ख़-ख़-रा लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक्रिनीन, वा इन्ना इला रब्बिना लमुन्कलिबून।
तर्जुमा: महान है वह (अल्लाह) जिसने इसे हमारे अधीन कर दिया और हम इसे अपने वश में करने में सक्षम नहीं थे, और हमें अपने रब की ओर लौटना है।
फज़ीलत: यह दुआ पढ़ने से सफर में हिफाजत होती है और अल्लाह की मदद प्राप्त होती है। यह दुआ अल्लाह की कुदरत को मानने और उसके प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है।
Safar Ki Dua Padne Ke Fayde
सफर की दुआ पढ़ने के फायदे
- हिफाजत: अल्लाह की हिफाजत और सुरक्षा मिलती है।
- सुकून: दिल और दिमाग में सुकून मिलता है।
- बरकत: सफर में बरकत और राहत मिलती है।
- रास्ते की मुश्किलें: सफर में आने वाली मुश्किलों से निपटने में मदद मिलती है।
Sabse Aham Safar Ki Dua
सबसे अहम सफर की दुआ
अरबी में: بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
हिंदी में: बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
तर्जुमा: अल्लाह के नाम से शुरू, जो बहुत मेहरबान और रहम वाला है।
फज़ीलत: यह दुआ सफर की शुरुआत में पढ़ी जाती है जिससे सफर में अल्लाह की रहमत और मदद शामिल रहती है।
Ghar Se Nikalte Waqt Ki Dua
घर से निकलते वक्त की दुआ
अरबी में: بِسْمِ اللَّهِ تَوَكَّلْتُ عَلَى اللَّهِ وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ
हिंदी में: बिस्मिल्लाहि तवक्कलतु अलल्लाहि वला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह।
तर्जुमा: अल्लाह के नाम से, मैंने अल्लाह पर भरोसा किया, और अल्लाह के बिना कोई ताकत या शक्ति नहीं है।
फज़ीलत: यह दुआ पढ़ने से अल्लाह पर भरोसा बढ़ता है और हर तरह की बुराइयों से बचाव होता है।
Ghar Se Nikalne Se Pehle Do Rakat Namaz Ada Karna
घर से निकलने से पहले दो रकात नमाज अदा करना
सफर पर जाने से पहले दो रकात नमाज अदा करने की सलाह दी जाती है ताकि अल्लाह की रहमत और सुरक्षा मिल सके। यह नफली नमाज है और इसे अदा करने से सफर में बरकत और हिफाजत मिलती है। नमाज़ सीखें
Safar Mein Niyat Kyun Karna Chahiye
सफर में नियत क्यों करना चाहिए
सफर के लिए नियत (इरादा) करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिल को पक्का करता है और इंसान को अपने मकसद और मंजिल का एहसास कराता है। सफर की नियत करने से इबादत में बरकत और सफर में आसानी होती है।
Sawari Par Baithne Ke Baad Ki Dua
सवारी पर बैठने के बाद की दुआ
अरबी में:” سُبْحَانَ الَّذِي ————————— رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُونَ”
हिंदी में: सुभानल्लाही सक्ख़-ख़-रा लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक्रिनीन, वा इन्ना इला रब्बिना लमुन्कलिबून।
तर्जुमा: महान है वह (अल्लाह) जिसने इसे हमारे अधीन कर दिया और हम इसे अपने वश में करने में सक्षम नहीं थे, और हमें अपने रब की ओर लौटना है।
फज़ीलत: यह दुआ सवारी पर बैठते वक्त पढ़ी जाती है जिससे सफर में अल्लाह की हिफाजत और बरकत मिलती है।
Daurane Safar Ki Dua 1
दौराने सफर की दुआ 1
अरबी में: اللَّهُمَّ إِنَّا نَسْأَلُكَ فِي سَفَرِنَا هَذَا الْبِرَّ وَالتَّقْوَىٰ وَمِنَ الْعَمَلِ مَا تَرْضَىٰ
हिंदी में: अल्लाहुम्मा इन्ना नसअलुका फी सफरिना हाज़ा अलबिर्रा वत्तक़वा वमिनल आमलि मा तरदा।
तर्जुमा: ऐ अल्लाह! हम इस सफर में तुझसे भलाई और तक़वा मांगते हैं और ऐसे अमल जो तुझे पसंद हों।
फज़ीलत: यह दुआ सफर के दौरान पढ़ने से भलाई और तक़वा हासिल होती है और अल्लाह की रहमत मिलती है।
Daurane Safar Ki Dua 2
दौराने सफर की दुआ 2
अरबी में: اللَّهُمَّ هَوِّنْ عَلَيْنَا سَفَرَنَا هَذَا وَاطْوِ عَنَّا بُعْدَهُ
हिंदी में: अल्लाहुम्मा हव्विन अलैना सफरना हाज़ा वट्ट्वी अन्ना बुअदहू।
तर्जुमा: ऐ अल्लाह! हमारे इस सफर को हमारे लिए आसान बना और इसकी दूरी को हमारे लिए कम कर दे।
फज़ीलत: यह दुआ सफर के दौरान पढ़ने से सफर की मुश्किलें आसान होती हैं और दूरी कम महसूस होती है।
Jahaz ya Sawari Par Sawar Hone Ki Dua
जहाज़ या सवारी पर सवार होने की दुआ
अरबी में: بِسْمِ اللَّهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُونَ
हिंदी में: बिस्मिल्लाहि वलहम्दुलिल्लाहि सुभानल्लाही सक्ख़-ख़-रा लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक्रिनीन, वा इन्ना इला रब्बिना लमुन्कलिबून।
तर्जुमा: अल्लाह के नाम से और अल्लाह का शुक्र है, महान है वह जिसने इसे हमारे अधीन कर दिया और हम इसे अपने वश में करने में सक्षम नहीं थे, और हमें अपने रब की ओर लौटना है।
फज़ीलत: यह दुआ जहाज़ या किसी सवारी पर सवार होते वक्त पढ़ी जाती है जिससे सफर में अल्लाह की हिफाजत और बरकत मिलती है।
Safar Ki Dua Kahin Rukne Ya Thaher Ne Par
सफर की दुआ कहीं रुकने या ठहरने पर
अरबी में: أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّاتِ مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ
हिंदी में: अऊज़ु बिकालिमातिल्लाहित्ताम्माती मिन शर्रि मा ख़लाक़।
तर्जुमा: मैं अल्लाह के मुकम्मल कलाम के साथ पनाह मांगता हूँ उसकी मखलूक के शर से।
फज़ीलत: यह दुआ सफर के दौरान कहीं रुकने या ठहरने पर पढ़ी जाती है जिससे अल्लाह की हिफाजत मिलती है और बुराईयों से बचाव होता है।
Safar Mein Mushkilat Ka Samna Karte Waqt Safar Ki Dua
सफर में मुश्किल का सामना करते वक्त सफर की दुआ
अरबी में: حَسْبُنَا اللَّهُ وَنِعْمَ الْوَكِيلُ
हिंदी में: हसबुनल्लाहु व नि’मल वकील।
तर्जुमा: अल्लाह हमारे लिए काफी है और वह सबसे बेहतरीन कारसाज है।
फज़ीलत: यह दुआ सफर में किसी भी मुश्किल का सामना करते वक्त पढ़ी जाती है, जिससे दिल को तसल्ली और हिम्मत मिलती है और अल्लाह की मदद प्राप्त होती है।
Safar Karne Wale Ki Dua Jab Subah Ki Raat Ko Tayaar Hoti Hai
सफर करने वाले की दुआ जब सुबह की रात को तैयार होती है
अरबी में: اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِي صُبْحِنَا وَمَسَائِنَا
हिंदी में: अल्लाहुम्मा बारिक लना फी सुबहिना वा मसाइना।
तर्जुमा: ऐ अल्लाह! हमारे सुबह और शाम में बरकत दे।
फज़ीलत: यह दुआ सुबह के वक्त पढ़ी जाती है जब सफर की शुरुआत हो रही हो, जिससे अल्लाह की बरकत और रहमत मिलती है।
Shahar Mein Daakhil Ki Dua 1
शहर में दाखिल की दुआ 1
अरबी में: اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ———————————————————أَهْلِهَا وَشَرِّ مَا فِيهَا
हिंदी में: अल्लाहुम्मा इन्नी असअलुका खैर हाज़िहिल क़रयति वा खैर अहलीहा वा खैर मा फीहा वा अऊज़ु बिका मिन शर्रिहा वा शर्र अहलीहा वा शर्र मा फीहा।
तर्जुमा: ऐ अल्लाह! मैं तुझसे इस बस्ती की भलाई, इसके निवासियों की भलाई और इसमें जो कुछ है उसकी भलाई मांगता हूँ और इस बस्ती की बुराई, इसके निवासियों की बुराई और इसमें जो कुछ है उसकी बुराई से पनाह मांगता हूँ।
फज़ीलत: यह दुआ किसी नई जगह पर दाखिल होते वक्त पढ़ी जाती है, जिससे उस जगह की भलाई मिलती है और बुराइयों से बचाव होता है।
Shahar Mein Daakhil Ki Dua 2
शहर में दाखिल की दुआ 2
अरबी में: اللَّهُمَّ اجْعَلْ لَنَا فِيهَا رِزْقًا طَيِّبًا وَبَرَكَةً
हिंदी में: अल्लाहुम्मा इजअल लना फीहा रिज़्कन तय्यिबन वा बरकतन।
तर्जुमा: ऐ अल्लाह! हमारे लिए इस जगह में पाकीज़ा और बरकत वाला रिज़्क बना दे।
फज़ीलत: यह दुआ किसी नई जगह पर दाखिल होते वक्त पढ़ी जाती है, जिससे वहाँ पर अल्लाह की बरकत और पाकीज़ा रिज़्क मिलता है।
Shahar Mein Daakhil Ki Dua 3
शहर में दाखिल की दुआ 3
अरबी में: بِسْمِ اللَّهِ وَلَجْنَا وَبِسْمِ اللَّهِ خَرَجْنَا وَعَلَى اللَّهِ رَبِّنَا تَوَكَّلْنَا
हिंदी में: बिस्मिल्लाहि वलजना व बिस्मिल्लाहि खरजना वा अला ल्लाहि रब्बिना तवक्कलना।
तर्जुमा: अल्लाह के नाम से हमने दाखिल हुए और अल्लाह के नाम से हम निकले और अपने रब पर भरोसा किया।
फज़ीलत: यह दुआ किसी नई जगह पर दाखिल होते वक्त पढ़ी जाती है, जिससे अल्लाह की रहमत और हिफाजत मिलती है।
Shahar Mein Daakhil Ki Dua 4
शहर में दाखिल की दुआ 4
अरबी में: اللَّهُمَّ أَنْزِلْنِي مُنْزَلًا مُبَارَكًا وَأَنْتَ خَيْرُ الْمُنْزِلِينَ
हिंदी में: अल्लाहुम्मा अन्जिलनी मुनजला मुबारकन वा अंता खैरुल मुनजिलीन।
तर्जुमा: ऐ अल्लाह! मुझे एक मुबारक जगह पर उतार और तू सबसे बेहतरीन उतारने वाला है।
फज़ीलत: यह दुआ किसी नई जगह पर दाखिल होते वक्त पढ़ी जाती है, जिससे उस जगह में अल्लाह की बरकत और रहमत मिलती है।
Safar Se Vaapsi Par Dua
सफर से वापसी पर दुआ
अरबी में: آيِبُونَ تَائِبُونَ عَابِدُونَ لِرَبِّنَا حَامِدُونَ
हिंदी में: आयिबून ताइबून आबिदून लिरब्बिना हमिदून।
तर्जुमा: हम लौट रहे हैं, तौबा करने वाले, इबादत करने वाले और अपने रब की तारीफ करने वाले।
फज़ीलत: यह दुआ सफर से वापसी पर पढ़ी जाती है, जिससे सफर की मुश्किलें और थकान दूर होती है और अल्लाह की शुकरगुजारी होती है।
हदीस संदर्भ
सफर की दुआएं और हदीस में उनका उल्लेख:
- सवारी पर बैठते वक्त की दुआ:
- हदीस: “जब आप सवारी पर बैठें, तो ‘सुभानल्लाही सक्ख़-ख़-रा लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक्रिनीन, वा इन्ना इला रब्बिना लमुन्कलिबून’ पढ़ें।” (सहीह मुस्लिम)
- घर से निकलते वक्त की दुआ:
- हदीस: “जिसने घर से निकलते वक्त ‘बिस्मिल्लाहि तवक्कलतु अलल्लाहि वला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह’ पढ़ा, उसके लिए कहा जाता है, ‘तुम्हारे लिए काफी है, तुम्हें संरक्षित किया गया और मार्गदर्शन दिया गया।'” (अबू दाऊद, तिर्मिधी)
- सफर से वापसी पर दुआ:
- हदीस: “जब आप सफर से वापसी पर हों, तो ‘आयिबून ताइबून आबिदून लिरब्बिना हमिदून’ पढ़ें।” (सहीह मुस्लिम)
- सफर के दौरान की दुआ:
- हदीस: “सफर के दौरान अल्लाह से सुरक्षा और रहमत के लिए दुआ करें।” (सहीह बुखारी)
- सफर में मुश्किल का सामना करते वक्त:
- हदीस: “जब आप किसी मुश्किल का सामना करें, तो ‘हसबुनल्लाहु व नि’मल वकील’ पढ़ें।” (सहीह बुखारी)
Safar Ki Dua Ki Ahem Sawaalat
सफर की दुआ की अहम सवालात
- सफर की दुआ क्यों पढ़नी चाहिए?
- अल्लाह की रहमत और हिफाजत के लिए।
- कौन-कौनसी दुआएं सफर में पढ़नी चाहिए?
- घर से निकलते वक्त, सवारी पर बैठते वक्त, और सफर के दौरान की दुआएं।
- सफर में दुआ पढ़ने का सही तरीका क्या है?
- दिल से यकीन के साथ और तवज्जोह से पढ़ना।
- क्या सफर की दुआएं हर सफर के लिए हैं?
- जी हां, हर सफर के लिए ये दुआएं पढ़ी जा सकती हैं चाहे सफर छोटा हो या बड़ा।
- सफर में मुश्किल का सामना करते वक्त कौनसी दुआ पढ़नी चाहिए?
- “हसबुनल्लाहु व नि’मल वकील” पढ़नी चाहिए।
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