नमाज़ इस्लाम का दूसरा और बेहद अहम रुक्न (पिलर) है। ये बंदे और अल्लाह तआला के दरमियान एक सीधा ताल्लुक़ है। लेकिन बहुत से मुसलमान जाने-अनजाने ऐसे आमाल कर बैठते हैं जिससे उनकी नमाज़ फासिद (बर्बाद) हो जाती है और उन्हें दोबारा अदा करनी पड़ती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि वो कौन-कौन सी चीजें हैं जो नमाज़ को तोड़ देती हैं, ताकि हम इन चीज़ों से बच पायें और हमारी इबादात सही और मुकम्मल क़बूलियत के लाइक हो। Namaz Fasid Karne Wali Cheezein
📌 नमाज़ तोड़ने वाली चीजों को जानना क्यों ज़रूरी है?
जिस तरह नमाज़ पढ़ना फ़र्ज़ है, उसी तरह उसे सही तरीक़े से अदा करना भी ज़रूरी है। अगर कोई ऐसा अमल कर लिया जाए जिससे नमाज़ टूट जाए, तो फिर वो नमाज़ अल्लाह की बारगाह में कबूल नहीं होती। इसलिए हर मुसलमान को ये इल्म (ज्ञान) होना चाहिए कि कौन-कौन से आमाल से नमाज़ टूट जाती है। Namaz Fasid Karne Wali Cheezein
🔴 नमाज़ फासिद करने वाली अहम चीजें: Namaz Fasid Karne Wali Cheezein
1. जान-बूझकर बात करना (बोलना)
अगर कोई शख्स नमाज़ के दौरान जान-बूझकर बोलता है, चाहे एक लफ्ज़ ही क्यों न हो, तो नमाज़ फासिद हो जाती है।
हदीस:
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
“इस नमाज़ में इंसानी बातों की कोई जगह नहीं, ये तस्बीह, तकबीर और क़ुरआन की तिलावत के लिए है।”
— (सहीह मुस्लिम)
2. जान-बूझकर हँसना (क़हक़हा लगाना)
अगर नमाज़ के दौरान इतना ज़ोर से हँसा जाए कि पास वाला सुन ले, तो न सिर्फ़ नमाज़ बल्कि वुज़ू भी टूट जाता है।

फिक्ह हनफी के मुताबिक:
“अगर नमाज़ में क़हक़हा लगाया तो वुज़ू भी जाता रहा।”
3. जान-बूझकर खाना या पीना
नमाज़ में अगर कोई शख्स जान-बूझकर कुछ खा या पी ले तो नमाज़ फासिद हो जाती है। यहां तक कि कोई छोटा सा कण भी निगल लिया तो नमाज़ टूट जाती है।
4. नमाज़ का रुख बदल देना (किबला से मुँह मोड़ लेना)
अगर कोई बग़ैर वजह के क़िब्ला से मुँह मोड़ ले, तो नमाज़ फासिद हो जाती है। हाँ, अगर ज़रूरत (मसलन डर, मजबूरी) की वजह से ऐसा हो, तो अलहदा बात है।
5. किसी अमल में ग़ैर-शरई हरकत
अगर कोई ऐसा अमल किया जाए जो नमाज़ से बाहर हो, जैसे दोनों हाथों से टोपी उतारना, घड़ी देखना, मोबाइल चलाना या बार-बार कपड़े ठीक करना, तो इससे खुशू-ओ-खुज़ू खत्म होता है और अगर ये हरकत बहुत ज़्यादा हो तो नमाज़ टूट जाती है।
6. कपड़ों से सतर खुल जाना
अगर नमाज़ में कोई ऐसा हिस्सा खुल जाए जिसे छुपाना वाजिब है (जैसे मर्द का घुटनों से निचला हिस्सा या औरत का सिर या बाजू), और वो इतना वक़्त खुला रहे कि एक रुक्न अदा हो जाए, तो नमाज़ टूट जाती है।
7. वुज़ू टूट जाना
अगर नमाज़ के दौरान किसी का वुज़ू टूट जाए तो नमाज़ फौरन खत्म हो जाती है। फिर से वुज़ू करके नमाज़ अदा करनी होगी। (जैसे गैस, पेशाब, पाद आ जाना)
8. ज़रूरत से ज़्यादा हरकत
नमाज़ में इतनी हरकत करना कि कोई बाहर वाला देख कर कहे कि ये नमाज़ नहीं पढ़ रहा, तो ऐसी हालत में नमाज़ फासिद हो जाती है। Namaz Fasid Karne Wali Cheezein
9. मुक़्तदी का इमाम से पहले रुक्न अदा करना
अगर कोई मुक़्तदी (पीछे वाला नमाज़ी) जान-बूझकर इमाम से पहले रुक्न (जैसे रुकू, सजदा) में चला जाए, तो उसकी नमाज़ फासिद हो जाती है।
10. तिलावत में ग़लती करना (सजदा-ए-तिलावत छोड़ना)
अगर किसी आयत में सजदा-ए-तिलावत वाजिब हो और उसे छोड़ दिया जाए, तो ये गुनाह है और अगर जान-बूझकर किया जाए तो नमाज़ में कमी मानी जाती है। Namaz Fasid Karne Wali Cheezein
⚠️ वो चीज़ें जो नमाज़ को नहीं तोड़ती लेकिन ध्यान रखना ज़रूरी है
- रोना अगर अल्लाह के डर से हो, तो यह नमाज़ को नहीं तोड़ता बल्कि सवाब बढ़ता है।
- छींक आ जाए और “अल्हम्दुलिल्लाह” कहा जाए, तब भी नमाज़ फासिद नहीं होती अगर ग़लती से निकल जाए।
- नमाज़ में भूल जाना और सजदा-ए-सहव करना पड़ जाए, तो भी नमाज़ मुकम्मल होती है।
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📚 नतीजा (Conclusion)
नमाज़ सिर्फ़ उठने-बैठने और तस्बीह पढ़ने का नाम नहीं, बल्कि ये एक ख़ास तरीक़े से अल्लाह से रब्त (कनेक्शन) क़ायम करने की इबादत है। अगर हम उसमें ग़ैर-ज़रूरी बातें, हरकतें, या अमल कर लें तो वो नमाज़ नहीं रहती। इसलिए हर मुसलमान को ज़रूरी है कि वो नमाज़ के अरकान, फराइज़, और मुब्तिलात (तोड़ने वाली चीज़ें) से अच्छी तरह वाक़िफ़ हो।
🧕 मुस्लिम उम्मत के लिए पैग़ाम
अगर हम चाहते हैं कि हमारी नमाज़ें अल्लाह की बारगाह में क़ुबूल हों और हमें उनका सवाब मिले, तो हमें चाहिए कि नमाज़ को दिल से और तहक़ीक़ से अदा करें। साथ ही नमाज़ फासिद करने वाले हर तरह के चीज़ों से बचें।
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📖 “रब्बना तक़ब्बल मिन्ना इन्नका अन्तस्समीउल अलीम।”
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