परिचय (Introduction):
कुरआन मजीद, इंसानियत की सबसे मुकद्दस किताब, ना सिर्फ रहनुमाई का जरिया है बल्कि इसमें ऐसे सवालों के जवाब और हिदायतें मौजूद हैं जो हमारी जिंदगी के हर पहलू को रोशन करती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि कुरआन में नासुख और मनसुख आयात का जिक्र क्यों है? या फिर ये कि ऐसे कौन-कौन से सवालात हैं जो नबी-ए-करीम से पूछे गए और जिनका जवाब खुद रब ने दिया?
कुरआन में ऐसी सूरतें भी हैं जिन्हें खज़ाना-ए-अर्श से नाज़िल होने का दर्जा दिया गया है और कुछ आयतें ऐसी हैं जिनके साथ जिब्राइल अलैहिस्सलाम के साथ हजारों फरिश्ते भी उतरे। इसके अलावा, क्या आप जानते हैं कि कुरआन में हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नाम कितनी बार आया है, या वह कौन सी इकलौती औरत हैं जिनका नाम कुरआन में सिराहत के साथ लिया गया है? दुनिया का सबसे अच्छा इंसान कौन है?
कुरआन की हर आयत एक रहस्य और हर हुक्म एक रहमत है। इस लेख में हम इन तमाम सवालों और कुरआनी हिदायतों पर बात करेंगे, जो आपके इल्म में इज़ाफा करेंगी और आपको कुरआन से गहरी मोहब्बत और समझ का रास्ता दिखाएंगी।
“आसमानी किताबें इंसानियत के लिए अल्लाह की रहमत और हिदायत का सबसे बड़ा जरिया हैं। इन किताबों के माध्यम से इंसान को सही रास्ते पर चलने की तालीम दी गई। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि आसमानी किताबें कितनी थीं, कौन-कौन सी किताबें किस नबी पर नाज़िल हुईं, और उनकी खास बातें क्या थीं।”
कुरआन के अनसुने रहस्य: Mystery Of the Quran
1. आसमान से कितनी किताबें और सहीफ़े नाज़िल हुए?
चार मुकद्दस किताबें और सौ सहीफ़े नाज़िल हुए। Mystery Of the Quran
2. किस नबी पर कौनसी किताब नाज़िल हुई?
- तौरेत: हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम
- ज़बूर: हज़रत दाउद अलैहिस्सलाम
- इंजील: हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम
- क़ुरआन: हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम
3. किस नबी पर कितने सहीफ़े नाज़िल हुए?
- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम: 10 सहीफ़े
- हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम: 10 सहीफ़े
- हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम: 30 सहीफ़े
- हज़रत शीश अलैहिस्सलाम: 50 सहीफ़े
4. तौरेत शरीफ से जुड़ी खास बातें
- कब नाज़िल हुई? छ रमज़ान को।
- किस ज़बान में? सूर्यानी ज़बान।
- कितनी सूरतें? 1000 सूरतें।
- जखामत: सत्तर ऊंटों के बोझ के बराबर।
5. ज़बूर शरीफ से जुड़ी खास बातें
- कब नाज़िल हुई? अठारह रमज़ान को।
- किस ज़बान में? इब्रानी ज़बान।
- कितनी सूरतें? 150 सूरतें। और आगे पढ़े
6. इंजील शरीफ से जुड़ी खास बातें
- कब नाज़िल हुई? तेरह रमज़ान को। “Mystery Of the Quran“
- किस ज़बान में? इब्रानी ज़बान में
1. कुरआन किस तारीख में नाज़िल हुआ?
कुरआन का नुजूल लोहे महफूज़ से सत्ताइसवीं रमज़ान को दुनिया की तरफ हुआ। वहाँ से बकदरे जरूरत, थोड़ा-थोड़ा करके तेईस साल में मुकम्मल हुआ।
2. कुरआन का नुजूल किसके जरिए हुआ?
कुरआन का नुजूल सिर्फ हज़रत जिब्राइल अलैहिस्सलाम के जरिए हुआ। किसी और फरिश्ते ने इसे लेकर नुजूल नहीं किया।
3. कुरआन के नुजूल की शुरुआत कब हुई?
कुरआन के नुजूल की शुरुआत सतरह रमज़ान को पीर के दिन हुई। Mystery Of the Quran
4. कुरआन में कितनी सूरतें और आयतें हैं?
- कुल सूरतें: 114
- मक्की सूरतें: 83
- मदनी सूरतें: 31
- आयतें: 6600+ (हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास से मरवी)।
5. कुरआन के अनोखे पहलू
- सबसे पहली आयत: “इकरा बिस्मि रब्बिक”।
- सबसे आखिरी आयत: “वत्तकु यौमन तूरजाऊन फीही इल्लल्लाह”।
- कुरआन के कलमात: 77,934
- कुरआन के हुरूफ: 3,23,671
6. कुरआन की सूरतों में तरतीब किसने दी?
सूरतों और आयतों की तरतीब तौफीकी है, यानी यह अल्लाह और रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की हिदायतों के अनुसार तय की गई। रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हर साल रमज़ान में जिब्राइल अलैहिस्सलाम के साथ इसे दोहराते थे।
7. कुरआन में नुक्ते और एराब किसने लगाए?
- एराब: अबूल अस्वद दूइली ने नुक्तों का उपयोग करते हुए लगाए। कुरआन के अनसुने रहस्य
- नुक्ते: हजाज बिन यूसुफ सकफी के हुक्म से नसर बिन आसिम लैसी और यहया बिन लामीर ने लगाए।
8. कुरआन के तर्जुमे और नुस्खे:
- पहला फारसी तर्जुमा: शेख सादी ने किया।
- पहला उर्दू तर्जुमा: शाह रफीउद्दीन ने 1774 में किया।
- हज़रत उस्मान गनी रज़ीअल्लाहु अन्हु: ने कुरआन के 5-7 नुस्खे तैयार कराए और विभिन्न क्षेत्रों में भेजे।
9. कुरआन के खास नाम और महत्व:
- कुरआन के नाम: इमाम फखरुद्दीन राज़ी के अनुसार कुरआन के 32 नाम हैं। Mystery Of the Quran
- फरिश्तों का शौक: जब कोई मुसलमान कुरआन की तिलावत करता है, तो फरिश्ते उसे सुनने का शौक रखते हैं।
10. हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कुरआन से चलेंज किया: कुरआन के अनसुने रहस्य
कुफ्फार और मुशरीकीन को हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने चार बार चलेंज दिया:
- पूरे कुरआन जैसी किताब लाने का।
- दस सूरतें लाने का।
- एक सूरत लाने का।
- कुरआन जैसी कोई बात लाने का।
कुरआन में नासुख व मनसुख
क्या कुरआन में नासुख व मनसुख भी हैं?
हाँ, दोनों हैं। कुछ आयतें नासुख और कुछ मनसुख हैं, जैसे सूरह काफिरून और वे तमाम आयतें जिनमें जंग करने की पहल से रोका गया था, सब की सब “فَاقْتُلُواْ ٱلْمُشْرِكِينَ حَيْثُ وَجَدتُّمُوهُمْ” से मनसुख हैं।
नबी से पूछे गए सवालात
कुरआन में ऐसे कितने सवालात हैं जो नबी ए करीम से पूछे गए और जिनका जवाब रब ने दिया?
चौदह सवालात। आठ सुरह बकराः में और छह दूसरी सूरतों में हैं: Mystery Of the Quran
- रब कहाँ है?
- चांद क्यों घटता-बढ़ता है?
- क्या खर्च करें और किस पर खर्च करें?
- माह-ए-हराम में लड़ने का हुक्म क्या है?
- शराब और जुए का हुक्म क्या है?
- खर्च करने की मिक़दार कितनी होनी चाहिए?
- यतीमों के मालों को अपने माल में मिलाने का हुक्म क्या है?
- हैज़ का हुक्म क्या है?
- (सुरह माइदह) कौन-कौन सी चीजें हलाल हैं?
- (सुरह अनफाल) माले गनीमत का मालिक कौन है?
- (सुरह बनी इस्राइल) रूह क्या चीज़ है?
- (सुरह कहाफ) जुलकरनैन के हालात क्या हैं?
- (Surah Ta’ha) क़यामत के दिन पहाड़ों का हाल क्या होगा?
- (सुरह नाज़ियात) क़यामत कब आएगी? Mystery Of the Quran
फ़रिश्तों के साथ नाज़िल होने वाली सूरतें या आयतें
वह कौन सी सूरतें या आयतें हैं जिनके साथ जिब्राइल के साथ और फरिश्ते भी उतरे?
- सूरह अनआम: सत्तर हज़ार फ़रिश्ते।
- सूरह फातिहा: अस्सी हज़ार फ़रिश्ते।
- सूरह यूनुस: तीस हज़ार फ़रिश्ते।
- “وَاسْأَلْ مَنْ أَرْسَلْنَا مِن قَبْلِكَ مِن رُّسُلِنَا”: बीस हज़ार फ़रिश्ते।
- आयतुल कुर्सी: तीस हज़ार फ़रिश्ते।
- सूरह कहफ: सत्तर हज़ार फ़रिश्ते।
खज़ाना ए अर्श से नाज़िल सूरतें
वह कौन सी सूरतें हैं जिन्हें खज़ाना ए अर्श से नाज़िल हुईं कहा गया?
- सूरह फातिहा।
- आयतुल कुर्सी।
- सूरह बकराः की आखिरी आयतें।
- सूरह कौसर। Mystery Of the Quran
नूर कहलाने वाली सूरतें
वह कौन सी सूरतें हैं जिन्हें नूर कहा गया और जो आपसे पहले किसी नबी पर नाज़िल नहीं हुईं?
- सूरह फातिहा।
- सूरह बकराः की आखिरी आयतें।
कुरआन में मोहम्मद और अहमद का ज़िक्र
लफ़्ज़ “मोहम्मद” और “अहमद” कितनी बार कुरआन में आया है?
- “मोहम्मद” चार बार।
- “अहमद” एक बार।
कुरआन में नामों का ज़िक्र
वह कौन सी औरत है जिसका नाम कुरआन में सिराहत के साथ मज़कूर है?
हज़रत मरियम।
वह कौन से सहाबी हैं जिनका नाम कुरआन में सिराहत के साथ मज़कूर है?
हज़रत जैद बिन हारिस।
वह कौन ऐसा बदबख्त है जिसका नाम कुरआन ने नहीं लिया, लेकिन उसकी कुनीयत का ज़िक्र किया?
अबू लहब।
कुरआन का हिफ़्ज़
क्या कुरआन मुकद्दस का हिफ़्ज़ करना फ़र्ज़ है?
हाँ, फ़र्ज़-ए-किफ़ाया है।
अगर आप कुरआन मजीद की इन बेमिसाल मालूमात और रहनुमाई को जानकर मुतास्सिर हुए हैं, तो इसे दूसरों तक भी पहुँचाएं। अपने सवालों के जवाब ढूंढने और कुरआन को बेहतर समझने के लिए इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें। और अगर आप ऐसी और मालूमात चाहते हैं, तो हमें फॉलो करें और अपने सवाल कमेंट में पूछें। याद रखें, इल्म जितना बाँटेंगे, उतना बढ़ेगा!
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