Salatul Tasbeeh - How to Perform Salat ul Tasbih Step-by-Step
Salat ul Tasbeeh – How to Perform Salatul Tasbih Step-by-Step

Salatul Tasbeeh: इनामों से भरी खास नमाज़
सलातुल तसबीह इस्लाम की उन खास नमाज़ों में से एक है, जो बंदे को बेशुमार सवाब का हक़दार बनाती है। इस लेख में हम इस नमाज़ की अहमियत, इसके मकसद और पैग़म्बर मुहम्मद ﷺ की बताई हदीस के मुताबिक इसे पढ़ने का आसान तरीका विस्तार से समझाएंगे।

अगर आप सलातुल तसबीह की नमाज का तरीका सीखना चाहते हैं तो ये लेख अंत तक पढ़ें। इसमें हम आपको (Salatul Tasbeeh) सलातुल तसबीह का वक्त, नीयत, रकात, दुआ, और पूरा तरीका बताएंगे।

कृपया इस लेख को अपने दोस्तों और परिवार के साथ सदक़ा ए जारिया के रूप में साझा करें।

Salatul Tasbeeh की नमाज का स्टेप बाय स्टेप तरीका इन उर्दू/हिंदी

आइए अब सीखते हैं कि सलातुल तसबीह “Salatul Tasbeeh” की नमाज का तरीका क्या है। वुजू करके क़िबला रुख खड़े हो जाएं, उसके बाद ये स्टेप्स फॉलो करें।

सलातुल तसबीह की नमाज में क्या पढ़ा जाता हैं

स्टेप 1: सबसे पहले सलातुल तसबीह की नीयत कर लें।

स्टेप 2: अब अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बांध लें।

स्टेप 3: सना, सूरह फातिहा, और कोई सूरह पढ़ लें।

स्टेप 4: अब रुकू में जाने से पहले 15 बार सलातुल तसबीह की दुआ पढ़ लें (سُبْحَانَ اللَّهِ——– أَكْبَرُ)

स्टेप 5: अब अल्लाहु अकबर कह कर रुकू में चले जाएं।

स्टेप 6: रुकू की तस्बीह पढ़ने के बाद सलातुल तसबीह की दुआ 10 बार पढ़ लें।

स्टेप 7: अब रुकू से उठ कर कहें سَمِعَ اللّٰهُ لِمَنْ حَمِدَه और फिर 10 बार सलातुल तसबीह की दुआ पढ़ लें।

स्टेप 8: आप सजदे में जाएं तो फिर ये तस्बीह سُبْحَانَ رَبِّيَ الْأَعْلیٰ के बाद दस बार सलातुल तसबीह की दुआ पढ़ें।

स्टेप 9: अब पहले सजदे से उठ कर बैठ जाएं और 10 बार पढ़ लें।

स्टेप 10: अब दूसरे सजदे में जाएं और سُبْحَانَ رَبِّيَ الْأَعْلیٰ के बाद फिर 10 बार पढ़ लें।

स्टेप 11: अब दूसरे सजदे से उठ कर बैठें और 10 बार सलातुल तसबीह की दुआ पढ़ लें।

इस तरह 1 रकात में 75 बार आपने سُبْحَانَ اللَّهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ وَلاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَاللَّهُ أَكْبَرُ पढ़ लिया।

स्टेप 12: अब दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं और बिलकुल इसी तरह 4 रकात मुकम्मल कर लें।

स्टेप 13: दूसरी और चौथी रकात में दूसरे सजदे से उठ कर सलातुल तसबीह की दुआ पढ़ने के बाद क़ायदह में बैठ कर अत्थाहियात पढ़ेंगे जिस तरह आम नमाजों में पढ़ी जाती है।

इस तरह 4 रकात में आप सलातुल तसबीह की दुआ 300 बार पढ़ेंगे।

अगर नमाज़ के दौरान कलमे का हिसाब रखने में मुश्किल हो तो अपनी उंगलियों को कलाई पर हल्के से हिला कर मदद ले सकते हैं।

इस तरह सलातुल तसबीह की नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।

अल्लाह तआला क़ुबूल फरमाए।

Doosra Tarika

दूसरा तरीका जो तरीका ऊपर बयान किया गया उसके अलावा भी एक तरीके से सलातुल तसबीह Salatul Tasbeeh पढ़ी जा सकती है। दोनों तरीके सही हैं।

सलातुल तसबीह का दूसरा तरीका यह है:

सलातुल तसबीह कैसे पढ़ते हैं [महिलाओं और पुरुषों के लिए]

आइए अब हम सलातुल तसबीह की नमाज पढ़ने के बारे में कुछ और जरूरी मालूमात हासिल करते हैं ताकि यह नमाज हम बिलकुल सही तरीके से पढ़ सकें।

Salatul Tasbeeh का सही वक्त क्या है? यह नफली नमाज है जो मकरूह और ममनू औकात के अलावा किसी भी वक्त पढ़ी जा सकती है। यानी फज्र की नमाज के बाद से तूलू-ए-आफताब तक, जुहर से आधा घंटा पहले (जवाल का वक्त), और अस्र से मगरिब के दरमियान इसको नहीं पढ़ सकते।

इसके अलावा जिस वक्त चाहे पढ़ें।

लेकिन उलेमा ने फरमाया कि जुमा की नमाज से पहले सलातुल तसबीह पढ़ ली जाए तो बहुत बाइस-ए-बरकत है और यही इसका बेहतरीन वक्त है। लेकिन इसके अलावा तहज्जुद के वक्त या किसी और वक्त भी पढ़ी जा सकती है।

खास फजीलत की रातें यानी शब-ए-बरात, शब-ए-कद्र, और यौम-ए-अरफा में भी सलातुल तसबीह का एहतिमाम करना चाहिए।

Niyat : सलातुल तसबीह की प्रार्थना कैसे करें ?

नीयत सलातुल तसबीह की कोई खास नीयत नहीं। बस अपनी ज़बान में इतनी नीयत कर लें:

“मैं 4 रकात सलातुल तसबीह नफिल नमाज की नीयत करता हूँ अल्लाह तआला की रज़ा के लिए”

नीयत के अल्फाज़ ज़बान से कहना भी ज़रूरी नहीं क्योंकि नीयत दिल के इरादे को कहते हैं। इस लिए बस इरादा काफी है।

Rakat: सलातुल तसबीह में कितनी रकात होती है?

रकात सलातुल तसबीह की नमाज में 4 रकात होती हैं। यानी 4 रकात 1 सलाम के साथ पढ़ी जाएंगी। ये 4 रकात बिलकुल आम नमाजों की तरह पढ़ी जाती हैं बस इसमें फर्क यह है कि सलातुल तसबीह की दुआ भी पढ़ी जाती है जो आगे बयान की जाएगी।

Salatul Tasbeeh Ki Dua

सलातुल तसबीह की दुआ सलातुल तसबीह की दुआ दरअसल तीसरा कलमा है, जो यह है

Salatul Tasbeeh Ki Dua
Salatul Tasbeeh Ki Dua

سُبْحَانَ اللَّهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ وَلاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَاللَّهُ أَكْبَرُ

यह कलमा सलातुल तसबीह Salatul Tasbeeh की हर रकात में 75 बार पढ़ा जाएगा। इस तरह 4 रकात में 300 बार हो जाएगा। हर रकात में जब पहली बार यह कलमा पढ़ें तो इसके बाद:

भी पढ़ लेना चाहिए।

सलातुल तसबीह कैसे पढ़ें? स्टेप बाय स्टेप तरीका अंग्रेजी में आइए सलातुल तसबीह का चरणबद्ध तरीका सीखते हैं।

Keeping in Mind Following Steps: निम्नलिखित कदमों को ध्यान में रखें:

सलातुल तसबीह पढ़ते समय हमें निम्नलिखित कदमों को ध्यान में रखना चाहिए:

तसबीह को धीमी आवाज में पढ़ें। तसबीह या उंगलियों का इस्तेमाल गिनने के लिए न करें। यदि किसी स्थिति में तसबीह छूट जाए, तो उसे अगले मौके पर पूरा करें। याद दिलाने के लिए उंगलियों को हल्के से दबा कर तसबीह की गिनती करें। जितना संभव हो तसबीह करने पर ध्यान केंद्रित करें।

Salat ul Tasbeeh Benefits

सलातुल तसबीह के फायदे: सलातुल तसबीह सबसे खूबसूरत तोहफों में से एक है जो हमारे प्यारे नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अपनी उम्मत को दिया है। यह न केवल आपके गुनाहों को मिटा देगा, बल्कि यह आपको इस ब्रह्मांड के रचयिता, अल्लाह तआला, के साथ एक मजबूत संबंध बनाने में भी मदद करता है।

क्या हम सलातुल तसबीह रोजाना पढ़ सकते हैं? नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने सलाह दी कि यदि संभव हो तो इसे रोजाना पढ़ें। अगर रोजाना संभव न हो, तो इसे हफ्ते में एक बार शुक्रवार को, महीने में एक बार, साल में एक बार, या कम से कम जिंदगी में एक बार जरूर पढ़ें।”

सलातुल तसबीह की नमाज में क्या पढ़ा जाता है? FAQs

सलातुल तसबीह में कौन-सी तसबीह पढ़ी जाती है?

इसमें “सुब्हानल्लाहि—Full–वल्लाहु अकबर” 300 बार पढ़ी जाती है, जो नमाज के अलग-अलग हिस्सों में विभाजित होती है।

क्या सलातुल तसबीह हर नमाज़ की तरह ही अदा की जाती है?

जी हां, यह चार रकात की नमाज होती है, लेकिन इसमें हर रुक्न में तसबीह जोड़कर इसे विशेष बनाया जाता है।

क्या सलातुल तसबीह जमात के साथ अदा की जा सकती है?

सलातुल तसबीह को अकेले पढ़ना बेहतर है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे जमात के साथ भी पढ़ा जा सकता है।

क्या सलातुल तसबीह किसी खास समय पर ही पढ़ी जा सकती है?

इसे कभी भी पढ़ा जा सकता है, लेकिन इसे खासकर गुनाहों की माफी के लिए और बरकत हासिल करने के मकसद से अदा किया जाता है।

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  • Islamichindi.com के मुसन्निफ़ इस्लामी मालूमात, क़ुरआन-ओ-हदीस और तारीख़ के माहिर हैं। बरसों से इस्लामी तालीमात को सहीह और मुसद्दक़ तरीके़ से अवाम तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मक़सद है के आम ज़बान में लोगों तक दीन-ए-इस्लाम की हक़ीक़ी तालीमात पहुँचाई जाएँ।

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Sher Mohammad Shamsi

Islamichindi.com के मुसन्निफ़ इस्लामी मालूमात, क़ुरआन-ओ-हदीस और तारीख़ के माहिर हैं। बरसों से इस्लामी तालीमात को सहीह और मुसद्दक़ तरीके़ से अवाम तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मक़सद है के आम ज़बान में लोगों तक दीन-ए-इस्लाम की हक़ीक़ी तालीमात पहुँचाई जाएँ।

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