Dajjal Kab Aayega  Dajjal in Islam Ki Puri Kahani  Dajjal Story Explained
Dajjal Kab Aayega Dajjal in Islam Ki Puri Kahani Dajjal Story Explained

दज्जाल का जजीरा और उसका फितना इस्लामी इतिहास में सबसे बड़ी और खतरनाक निशानी मानी जाती है। जानिए तमीम दारी की कहानी और दज्जाल से जुड़ी हदीस की हकीकत।

दज्जाल का जजीरा: कयामत की सबसे बड़ी निशानी का रहस्य – Dajjal in Islam

दज्जाल का ज़िक्र अक्सर इस्लामी इतिहास, हदीसों और आखिरी ज़माने से जुड़ी बातों में होता है। यह एक ऐसा विषय है जो न केवल रहस्यमयी है, बल्कि कयामत की सबसे बड़ी निशानियों में से एक भी है।

Dajjal in Islam इस ब्लॉग में हम दज्जाल के फितने और उस जजीरे की हकीकत पर बात करेंगे, जहां उसे कैद बताया गया है। इसके अलावा, हम उन लोगों की दास्तान भी सुनेंगे, जिन्होंने दज्जाल से मुलाकात की है।


दज्जाल का फितना: सबसे खतरनाक और बड़ा – Dajjal in Islam

इस्लामी शिक्षा में दज्जाल का फितना सबसे बड़ा और खतरनाक फितना माना गया है। Dajjal in Islam इस बारे में हर नबी ने अपनी उम्मत को आगाह किया है। हदीस में उल्लेख मिलता है कि यह ऐसा फितना होगा, जिसमें इंसानों की पहचान और इबादत का इम्तिहान होगा।

लेकिन क्या आपको पता है कि दज्जाल आसमान से नहीं उतरेगा, बल्कि वो हमारी इस दुनिया में ही एक जजीरे में कैद है?


दज्जाल का जजीरा: एक हकीकत या अफवाह?- Dajjal in Islam

दज्जाल का जजीरा एक ऐसा रहस्यमयी स्थान है, जिसके बारे में विभिन्न रिवायतें मिलती हैं। कुछ हदीसों में इसका ज़िक्र है कि दज्जाल इस वक्त एक जजीरे में कैद है, जो अल्लाह के हुक्म से दुनिया से अलग-थलग पड़ा हुआ है। यह जजीरा कहां है, इसके बारे में अलग-अलग राय दी गई है, लेकिन वक़्त के तौर पर कोई निश्चित जानकारी नहीं है।


तमीम दारी का किस्सा: दज्जाल से मुलाकात

हज़रत नबी अकरम सललाहू ताला अलैहि वसल्लम ने एक बार तमीम दारी के किस्से का ज़िक्र किया था। तमीम दारी पहले नसरानी थे, लेकिन बाद में ईमान लेकर आए। Dajjal in Islam उन्होंने एक बहुत ही दिलचस्प घटना बयान की, जिसमें उन्होंने दज्जाल से मुलाकात की थी। रोजाना दुआ पढ़ें Daily Dua or Zikr

सफर का आगाज़

तमीम दारी और उनके साथी एक बड़े जहाज पर सफर कर रहे थे। इस सफर के दौरान उन्हें कई तूफानों का सामना करना पड़ा। आख़िरकार, वह लोग एक जजीरे पर पहुंचे जो समंदर के बीचों-बीच स्थित था। वहां उन्होंने एक बड़े और अजीबो-गरीब इंसान से मुलाकात की, जिसका पूरा जिस्म बालों से ढका हुआ था।

दज्जाल का जासूस

उस अजीबो-गरीब इंसान ने खुद को दज्जाल का जासूस बताया और कहा कि वो उन्हें एक ऐसे शख्स से मिलवाना चाहता है, जो बेसब्री से उनका इंतजार कर रहा है। तमीम दारी और उनके साथी उसके साथ चले और एक गुफा के अंदर पहुंचे, जहां उन्होंने एक खतरनाक शख्स को देखा। वो शख्स पूरी तरह से जंजीरों में जकड़ा हुआ था और उसकी शक्ल बेहद डरावनी थी।

दज्जाल से बातचीत

जब तमीम दारी ने उससे पूछा कि वो कौन है, तो उसने बताया कि वो दज्जाल है। उसने यह भी बताया कि जल्द ही उसे इस कैद से आजादी मिलेगी और वो दुनिया में तबाही मचाएगा। उसने बताया कि वो मक्का और मदीना के अलावा पूरी दुनिया में घूमेगा, लेकिन मक्का और मदीना में उसका दाखिला मना है। Dajjal in Islam By Video Clip


दज्जाल का असली स्थान: हदीस में क्या बताया गया है?

हदीस में बताया गया है कि दज्जाल ना तो शाम के समंदर में है और ना ही यमन के समंदर में। बल्कि वो मश्रिक में मौजूद है। तमीम दारी और उनके साथी सफर के दौरान जिस जजीरे पर दज्जाल को देखकर आए थे, उसके बारे में किसी को सटीक जानकारी नहीं है। हालांकि, कुछ लोग यह दावा करते हैं कि वो जजीरा अरब के बहरे सोकोटरा में मौजूद हो सकता है।


सोकोटरा: दज्जाल का जजीरा?

सोकोटरा, एक ऐसा आइलैंड है जिसे दज्जाल का जजीरा माना जाता है। यह बहरे अरब में स्थित है और काफी अजीबो-गरीब माना जाता है। इस जजीरे के बारे में कई तरह की अफवाहें और कहानियां प्रचलित हैं। कुछ लोग इसे बेहद रहस्यमयी और डरावना मानते हैं।


दज्जाल की ताकतें और उसकी दुनिया पर तबाही

हदीस में दज्जाल के फितने को दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा बताया गया है। यह फितना इतना खतरनाक होगा कि इसके पास शैतानी ताकतें होंगी। दुनिया की हर ताकत इसके पास होगी और जैसे ही यह हमारी दुनिया में आएगा, चारों तरफ तबाही मच जाएगी।


दज्जाल से जुड़े सवाल: भविष्य की घटनाओं का इशारा

तमीम दारी ने जब दज्जाल से बातचीत की, तो उसने उनसे कुछ सवाल पूछे। इन सवालों से यह पता चलता है कि दज्जाल आने वाले वक्त की कुछ घटनाओं का इशारा दे रहा था। उसने बैसान के खजूरों, बहरे तिबरिया और जगर के चश्मे के बारे में सवाल पूछे। उसने बताया कि एक वक्त आएगा जब इन जगहों पर पानी और फल खत्म हो जाएंगे।


मक्का और मदीना: दज्जाल की पहुंच से दूर

दज्जाल ने बताया कि पूरी दुनिया में घूमने के बाद भी मक्का और मदीना उसके लिए प्रतिबंधित होंगे। इन दो पवित्र जगहों पर उसका कोई अधिकार नहीं होगा और वो यहां दाखिल नहीं हो सकेगा। यह इस बात का संकेत है कि मक्का और मदीना हमेशा अल्लाह की हिफाजत में रहेंगे।


दज्जाल के जजीरे का रहस्य

दज्जाल का जजीरा आज भी एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। कई लोग इसे अलग-अलग स्थानों से जोड़ते हैं, लेकिन किसी के पास इसका सटीक जवाब नहीं है। तमीम दारी के किस्से में बताया गया जजीरा वाकई कहां है, यह अभी भी एक सवाल बना हुआ है।

दज्जाल का रहस्यमयी आइलैंड: यमन और बर्मूडा का रहस्य

यह आइलैंड यमन का एक हिस्सा है और साहिल से 400 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। इस आइलैंड पर जो चिड़िया और पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं, वो इस दुनिया से काफी अलग हैं। यहां का सबसे खास पेड़ है ‘ड्रैगन ब्लड ट्री,’ जो अपनी अनोखी बनावट और लाल रस के लिए जाना जाता है। इस पेड़ से निकलने वाला लाल लिक्विड देखने में बिल्कुल खून जैसा लगता है, जो इस आइलैंड को और भी रहस्यमयी बनाता है।

इसके अलावा, इस आइलैंड पर कई अन्य प्रकार के पेड़ भी पाए जाते हैं, जो पूरी दुनिया में और कहीं नहीं मिलते। यहां एक ऊंचा पहाड़ भी है, जिसके अंदर एक बड़ी गुफा है जिसे ‘अल-होक’ कहा जाता है। कहा जाता है कि इस गुफा में दज्जाल छुपा हुआ है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इस जगह पर कई जहाज और कश्तियां लापता हो चुकी हैं, जो इस जगह को और भी डरावना बनाता है।

इस आइलैंड से जुड़े हुए कई जिन्नों और भूतों के किस्से भी मशहूर हैं। यहां समुद्री तूफान और ऊँची-ऊँची लहरें आम बात हैं। इस रहस्यमयी जगह को बर्मूडा त्रिकोण से भी जोड़ा जाता है, जहां 300 से ज्यादा वीरान और सुनसान जजीरे मौजूद हैं। इन जगहों के बारे में कहा जाता है कि वहां कोई इंसान कभी नहीं पहुंच पाया है।

लोगों का दावा है कि बर्मूडा त्रिकोण के एक बड़े हिस्से में दज्जाल की हुकूमत है। कहा जाता है कि वहां दज्जाल ने अपने लिए महल और किले बना रखे हैं। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि बर्मूडा में एक ऐसा जजीरा है जहां दज्जाल खुद रहता है। इस जजीरे पर एक बहुत बड़ा गिरजा बना हुआ है, जहां जाने की इजाजत किसी को नहीं है, और अगर किसी ने जाने की कोशिश की तो वो वापस लौट कर नहीं आया।

यह जजीरा इतना रहस्यमयी है कि इसे गूगल मैप पर भी नहीं दिखाया जाता। कई लोगों का दावा है कि उन्होंने इस जजीरे में अमेरिका के जहाजों को जाते हुए देखा है। एक मशहूर किताब में लिखा गया है कि दज्जाल कदीम ज़माने से इन वीरान जजीरों में रह रहा है। हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की वफात से पहले वो बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, लेकिन उनकी वफात के बाद उसकी बेड़ियां टूट गईं और अब वो आज़ाद होकर इस जजीरे पर घूम रहा है। हालांकि उसे अभी दुनिया में आने की इजाजत नहीं है।

कहा जाता है कि बर्मूडा के इन जजीरों में से कौन सा जजीरा दज्जाल का है, इसका इल्म केवल अल्लाह की जात को है। जब अल्लाह का हुक्म होगा, तब दज्जाल दुनिया में आकर एक बड़े फितने की तरह सामने आएगा।


नतीजा: दज्जाल का फितना और हमारी जिम्मेदारी

दज्जाल का फितना इस्लाम की एक बड़ी परीक्षा है। इसका सामना करने के लिए हमें अपने ईमान को मजबूत करना होगा और इस्लामी तालीमात पर पूरी तरह से अमल करना होगा। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस दुनिया में होने वाली सभी घटनाएं अल्लाह की मर्जी से होती हैं और हमें हर हाल में अल्लाह पर यकीन रखना चाहिए।

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  • Islamichindi.com के मुसन्निफ़ इस्लामी मालूमात, क़ुरआन-ओ-हदीस और तारीख़ के माहिर हैं। बरसों से इस्लामी तालीमात को सहीह और मुसद्दक़ तरीके़ से अवाम तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मक़सद है के आम ज़बान में लोगों तक दीन-ए-इस्लाम की हक़ीक़ी तालीमात पहुँचाई जाएँ।

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Sher Mohammad Shamsi

Islamichindi.com के मुसन्निफ़ इस्लामी मालूमात, क़ुरआन-ओ-हदीस और तारीख़ के माहिर हैं। बरसों से इस्लामी तालीमात को सहीह और मुसद्दक़ तरीके़ से अवाम तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मक़सद है के आम ज़बान में लोगों तक दीन-ए-इस्लाम की हक़ीक़ी तालीमात पहुँचाई जाएँ।

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