🖤 “कुछ अल्फ़ाज़ सीधे दिल से निकलते हैं… और वहीं जा कर चुप हो जाते हैं। ये John Elia Shayari भी कुछ वैसी ही है — ना शोर करती है, ना शिकायत… बस असर छोड़ जाती है।”

John Elia Shayari ❤️50 Heart Touching


दिल को छू जाने वाली 50 John Elia Shayari (Instagram के लिए Perfect)

50 Deep Meaning John Elia Shayari | जौन एलिया की शायरी

1.

“नफ़रत तो बहुत दूर की बात है,
हमसे तो लोग अब बात तक नहीं करते…”


2.

“हम भी कुछ खो बैठे हैं मुस्कुराते हुए,
लोग समझते हैं हमें ग़म क्या होता है?”


3.

“तुमसे मिलना एक तजुर्बा था,
ख़्वाब जैसा… मगर हक़ीक़त से भी ज़्यादा दर्दनाक।”


4.

“सबके हिस्से का ग़म बांटते-बांटते,
ख़ुद का दिल चुooत गया…”


5.

“बहुत दिन हुए, किसी ने दिल से पूछा ही नहीं —
‘क्या हाल है तेरा?’”
John Elia Shayari


6.

“अब शिकवा भी नहीं तुझसे,
क्योंकि उम्मीद करना भी तो इक बेवक़ूफ़ी है।”


7.

“हमने प्यार किया, टूटा, बिखरा…
मगर तुझसे नफ़रत आज भी नहीं होती।”


8.

“कभी-कभी दिल चाहता है,
कि कोई बिना पूछे सीने से लगा ले।”


9.

“तेरा छोड़ जाना दर्द नहीं देता,
तेरी यादें मार देती हैं…”


10.

“जिसे वक़्त नहीं देना था,
उसे उम्र दे बैठे…”
John Elia Shayari


11.

“हम तो वो हैं जो तन्हाई में भी भीड़ तलाशते हैं,
कभी अपनी चीख़ों से घबरा जाते हैं…”


12.

“कौन कहता है मोहब्बत में सुकून मिलता है,
मुझे तो हर रोज़ बिखरते देखा है आईने ने।”


13.

“हमेशा खामोश रहना ही बेहतर है,
लफ़्ज़ों से लोग अक्सर गलत समझ बैठते हैं।”


14.

“इतना टूटा हूँ तेरे जाने के बाद,
अब जुड़ने से भी डर लगता है।”


15.

“तूने पूछा भी नहीं कि मैं कैसे जी रहा हूँ…
शायद तुझे यक़ीन है कि मैं अब भी तुझमें ही ज़िंदा हूँ।”


16.

“मैं अब वो नहीं रहा जो तुझसे मिलने आया था,
अब तो हर ख़ुशी से डर लगता है…”


17.

“ख़ामोशी ओढ़ ली है मैंने अब,
लफ़्ज़ों ने भी धोखा दिया है कई बार…”


18.

John Elia Shayari “तू पास होता तो शायद शिकायत भी कर लेता,
अब तो बस तेरी कमी से मोहब्बत करता हूँ।”


19.

“जब दिल भर जाता है तो लोग बदले नहीं,
बस बेपरवाह हो जाते हैं…”


20.

“मैं ठीक हूँ — ये झूठ हर रोज़ खुद से कहता हूँ,
क्योंकि अब कोई सुनने वाला नहीं रहा।”


John Elia Shayari || जौन एलिया की शायरी


21.

“मेरे होने में क्या रखा है, तुम ही कुछ रह जाओ तो बेहतर है…”
मैं तो बस वक़्त काटने के लिए ज़िंदा हूँ।


22.

“अब नहीं होते वो हालात पुराने जैसे,
अब लोग मिलते हैं तो मतलब के बहाने जैसे।”


23.

“कुछ तो था मेरी तन्हाई में जो तुझे भी खल गया,
वरना ख़ुशी तुझे मिल गई थी मुझे भुला कर।”


24.

“तुम सुकून हो मगर किस्मत में नहीं हो।


25.

“मैं चुप था क्योंकि बहस में मोहब्बत हार जाती है।” John Elia Shayari From Wikipedia


26.

“जो गुज़र गया है, उसी का ग़म है,
जो मिला नहीं, उसी का नाम मोहब्बत है।”


27.

“अजनबी शहर के अजनबी रास्तों में,
कभी-कभी यूँ ही ख़ुद से मुलाक़ात हो जाती है।”


28.

“हमेशा ख़ामोश रहना ही बेहतर है,
लफ़्ज़ों से लोग अक्सर ग़लत समझ बैठते हैं।”


29.

“नफ़रत तो बहुत दूर की बात है,
हमसे तो लोग अब बात तक नहीं करते…”


30.

“जिन्हें देखा ही नहीं, उन्हें क्या खोना…
पर जिन्हें जाना हो और वो खो जाए,
उसका दर्द अलग होता है…”


31.

“मुझे अब लोग समझ में आने लगे हैं,
इसलिए अब मैं अकेला रहने लगा हूँ।”


32.

“मैं चुप था क्योंकि बहस में मोहब्बत हार जाती है।”


33.

“तुम सुकून हो मगर क़िस्मत में नहीं हो।”


34.

“ख़ुद को खो कर तुझे पा भी लूँ तो क्या हासिल होगा?”


35.

“हम भी वही हैं, जो दिल की हर बात छुपा लेते हैं,
और मुस्कुराकर कहते हैं – सब ठीक है…”


36.

“अब न मोहब्बत होती है, न नफ़रत किसी से…
बस जो आता है, एक वक़्त बाद चला जाता है।”


37.

“मेरी तबाही में तेरा भी नाम आएगा,
तू बेवफ़ा सही… मगर मैं तो वफ़ादार था।”


38.

“लोग भी कितने अजीब होते हैं,
सब्र का कहते हैं… मगर साथ छोड़ जाते हैं।”


39.

“मेरे अंदर इक शख़्स रोता रहा उम्र भर,
और लोग कहते रहे – क्या शायर है!”

40.

“तन्हा रहना अब आदत बन चुकी है,
लोगों से ज़्यादा सुकून देता है अकेलापन…”


41.

“कभी-कभी दिल चाहता है —
कोई हो जो कहे: ‘रो ले… मैं हूँ तेरे पास।’”


42.

“तू अब भी दिल में है,
मगर किसी साए की तरह… दिखता नहीं, मगर महसूस होता है।”


43.

“कुछ लोग हमें सिर्फ इसलिए छोड़ देते हैं,
क्योंकि हम उन्हें बहुत ज़्यादा चाहने लगते हैं।”


44.

“दर्द बाँटना तो आता है मुझे,
पर कोई हो जो मेरी ख़ामोशी भी पढ़ ले…”


45.

“अब मोहब्बत भी करनी है तो सोच-समझ कर,
वरना लोग तो दिल चुooत कर चले जाते हैं।”


46.

“वो जो कहते थे — कभी छोड़ के नहीं जाएंगे,
आज वही सबसे पहले मुंह मोड़ गए…”


47.

“मुझे बस इतनी फुर्सत चाहिए —
तेरे सामने बैठकर तुझे चुपचाप देख सकूं…”


48.

“मैं हर किसी से मिल लेता हूँ…
पर तुझ जैसा कोई मिला ही नहीं अब तक।”


49.

“जिन्हें हमारी ख़ामोशी समझनी थी,
वो अब दूसरों की बातें सुनने लगे हैं…”

50.

“तुम सुकून हो मगर किस्मत में नहीं हो।”


Author

  • Islamichindi.com के मुसन्निफ़ इस्लामी मालूमात, क़ुरआन-ओ-हदीस और तारीख़ के माहिर हैं। बरसों से इस्लामी तालीमात को सहीह और मुसद्दक़ तरीके़ से अवाम तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मक़सद है के आम ज़बान में लोगों तक दीन-ए-इस्लाम की हक़ीक़ी तालीमात पहुँचाई जाएँ।

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Sher Mohammad Shamsi

Islamichindi.com के मुसन्निफ़ इस्लामी मालूमात, क़ुरआन-ओ-हदीस और तारीख़ के माहिर हैं। बरसों से इस्लामी तालीमात को सहीह और मुसद्दक़ तरीके़ से अवाम तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मक़सद है के आम ज़बान में लोगों तक दीन-ए-इस्लाम की हक़ीक़ी तालीमात पहुँचाई जाएँ।

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