Zakat Calculator ज़कात कैलकुलेटर
Zakat Calculator ज़कात कैलकुलेटर

ज़कात भरने के लिए सबसे पहले आपको अपनी कुल संपत्ति का हिसाब लगाना होगा, जिसमें सोने-चांदी की कीमत, घर में मौजूद नकदी, बैंक खाते की रकम, निवेश और व्यापारिक संपत्तियाँ शामिल हैं। इसके बाद, आपको अपने कुल कर्ज़ और देनदारियों को घटाकर अपनी वास्तविक संपत्ति (नेट वैल्यू) निकालनी होगी। अगर यह राशि निसाब की सीमा से ऊपर है, तो आपको कुल संपत्ति का 2.5% ज़कात के रूप में अदा करना होगा।

नीचे दिए गए “Zakat Calculator” फॉर्म में विस्तार से बताया गया है कि आपको ज़कात भरने के लिए किस तरह से अपनी संपत्ति और कर्ज़ की जानकारी भरनी है।

Zakat Calculator: ज़कात कैलकुलेटर

<h2>Zakat Calculator</h2>

Zakat Calculator

Note: Zakat is 2.5% of the total calculated assets above Nisab. For gold, the Nisab is 87.48 grams, and for silver, it’s 612.36 grams. Please check the latest Nisab values based on current market prices.

Yahaan par jo cheezein user se li ja rahi hain, wo unke total maal (संपत्ति) aur qarz (देयताएँ) ko samajhne ke liye hain, taki Zakat ka sahi calculation kiya ja sake. Aapko niche diye gaye har section mein apni maloomat (जानकारी) bharni hogi: Zakat Calculator

  1. सोने और चांदी की कीमत:
    इस सेक्शन में आपको अपने पास जितना भी सोना और चांदी है, उसकी कुल कीमत भरनी है। यह सोना और चांदी वो है जो आपके पास एक साल से ज़्यादा समय से है। आप अपने इलाक़े के हिसाब से सोना और चांदी की कीमत लिख सकते हैं।
  2. घर में मौजूद नकदी:
    आपको यहाँ अपने घर में जो भी पैसा नकदी के रूप में रखा हुआ है, उसका कुल विवरण देना है। यह वही पैसा होगा जो नकद (कैश) रूप में है, जैसे नोट, सिक्के या किसी भी तरह की और नकदी।
  3. बैंक खाते में नकदी:
    आपको अपने बैंक खाते में जितना पैसा रखा है, उसकी जानकारी देनी होगी। चाहे आपका खाता सेविंग हो या करंट, दोनों में रखी हुई कुल रकम यहाँ लिखनी है।
  4. निवेश और शेयर की कुल कीमत:
    अगर आपने कहीं पैसा लगाया है, जैसे शेयर बाज़ार, म्यूचुअल फंड या किसी और प्रकार की निवेश योजना, तो उनकी कुल कीमत यहाँ भरनी होगी। इससे आपकी कुल निवेश राशि का हिसाब लगाया जाएगा।
  5. व्यापारिक माल और संपत्ति की कीमत:
    अगर आपका कोई व्यापार है, तो उस व्यापार में जो माल (गुड्स) है या संपत्ति है, उनकी कुल कीमत यहाँ लिखनी होगी। यह वो वस्तुएं हैं जो व्यापार के लिए खरीदी गई हैं।
  6. कर्ज़ और देनदारी:
    यहाँ आपको अपने कुल कर्ज़ (लोन) की जानकारी देनी होगी। अगर आपने कोई कर्ज़ लिया है जो आपको चुकाना है, तो उसका कुल मूल्य यहाँ लिखना है। यह राशि आपके कुल माल से घटाई जाएगी ताकि आपकी असल संपत्ति का पता लग सके।

ज़कात की दर के लिए हदीस का संदर्भ इस प्रकार है: Zakat Calculator

पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फरमाया:
“जब तुम्हारे पास माल (संपत्ति) पर एक साल गुज़र जाए, तो उस पर 2.5% ज़कात अदा करो।”
(सहीह अल-बुखारी, हदीस: 1395)

इस हदीस से यह साबित होता है कि एक साल तक अगर किसी के पास माल हो और वो निसाब की सीमा पार कर जाए, तो 2.5% ज़कात अदा करना अनिवार्य है।

निष्कर्ष:

इस फॉर्म में आपको अपनी कुल संपत्ति और देनदारियों के हिसाब से जानकारी भरनी होगी, ताकि सही तरीके से आपकी ज़कात का हिसाब लगाया जा सके। यह सब आपके माल और कर्ज़ के अंतर पर आधारित है। यानी, जितना आपका कर्ज़ है, वो आपकी कुल संपत्ति से घटाया जाएगा, और अगर आपकी कुल संपत्ति निसाब (ज़कात के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि) से ज़्यादा है, तो आपको उस पर 2.5% ज़कात अदा करनी होगी।

ज़कात कैलकुलेटर FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

ज़कात क्या है?

ज़कात इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है, जो हर मुसलमान को अपनी संपत्ति का एक निश्चित हिस्सा गरीबों और ज़रूरतमंदों को देने के लिए अनिवार्य है। यह संपत्ति की शुद्धि के लिए दी जाती है।

ज़कात किस पर वाजिब होती है?

ज़कात उन मुसलमानों पर वाजिब होती है जिनकी संपत्ति निसाब (एक न्यूनतम सीमा) से अधिक हो और उस पर एक साल का समय गुज़र चुका हो।

निसाब क्या है?

निसाब वह न्यूनतम सीमा है, जिसके ऊपर की संपत्ति पर ज़कात वाजिब होती है। सोने के लिए यह लगभग 87.48 ग्राम और चांदी के लिए 612.36 ग्राम है।

ज़कात की दर क्या है?

ज़कात की दर कुल संपत्ति का 2.5% है, जो एक साल तक निसाब से अधिक संपत्ति पर लागू होती है।

ज़कात किन चीज़ों पर दी जाती है?

ज़कात सोने-चांदी, नकदी, बैंक बैलेंस, शेयर, निवेश, व्यापारिक संपत्ति, और व्यापार के माल पर दी जाती है। इसके साथ ही किसी भी ऐसी संपत्ति पर जो एक साल तक आपके पास हो और निसाब से ज़्यादा हो।

ज़कात किन चीज़ों पर नहीं दी जाती?

ज़कात आपके व्यक्तिगत उपयोग की संपत्ति जैसे घर, कपड़े, घरेलू सामान, और रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ों पर नहीं दी जाती।

ज़कात कैसे निकाली जाती है?

अपनी कुल संपत्ति का हिसाब लगाकर, उसमें से अपने कर्ज़ और देनदारियों को घटाकर, जो भी बची हुई संपत्ति हो, उस पर 2.5% ज़कात अदा की जाती है।

क्या ज़कात साल में किसी भी समय दी जा सकती है?

हाँ, ज़कात साल में कभी भी दी जा सकती है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे रमजान में अदा करना पसंद करते हैं क्योंकि इस महीने का सवाब (पुण्य) अधिक होता है।

क्या मैं ज़कात को किसी को भी दे सकता हूँ?

नहीं, ज़कात सिर्फ़ ज़रूरतमंदों, गरीबों, कर्ज़दारों, अल्लाह की राह में काम करने वालों, और मुसलमानों में उन लोगों को दी जाती है जो वाकई इसके हक़दार हों।

क्या मैं ज़कात अपनी संपत्ति को बढ़ाने के लिए दे सकता हूँ?

नहीं, ज़कात देने का उद्देश्य संपत्ति की शुद्धि और गरीबों की मदद करना है। इसे अपनी संपत्ति बढ़ाने के उद्देश्य से नहीं दिया जा सकता।

ज़कात कैलकुलेटर कैसे काम करता है?

ज़कात कैलकुलेटर आपकी कुल संपत्ति, नकदी, निवेश और व्यापारिक संपत्ति का मूल्य लेकर उसमें से आपके कर्ज़ और देनदारियों को घटाता है। इसके बाद यह आपकी वास्तविक संपत्ति के 2.5% की गणना करता है जो आपको ज़कात के रूप में अदा करनी होती है।

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