“सुसाइड करने का सबसे आसान तरीका बताता हूँ…”
तुम्हें क्या करना है कि इस पेन को खोल लेना है। और अपने इस हिस्से एक मिनाट..! 100 दिन का मास्टरप्लान
क्या पढ़ रहे हो यार। मरने का तरीका कौन पढता है यार। इतने परेशान हो इतनी तकलीफ देती है जिंदगी जो ये सब देखने पर उतर आए। कोई सुनने वाला नहीं है। मुझे बताओ यार। मैं सुनूंगा तुम्हारी सारी बाते सुनूंगा हसूंगा नहीं मैं। क्या हुआ बताओ यार। मुझे पता तुम्हारी लाइफ में दिक्कते चल रही हैं। बुरा टाइम चल रहे हैं।
सबकी ज़िंदगी में आता है। मरना तो कोई हल नहीं है यार। बताओ तो सहीं क्या बात हुई है। यार तुम्हें अपनी ज़िंदगी को देखने का नजरिया बदलना होगा। छोटी से ज़िन्दगी इसको भी रोज रोकर ही बिताओगे। यार ऐसा नहीं करने दूँगा मैं। मुझे बताओ क्या हुआ है।
यार मुझे नहीं चाहिए तुम्हारे लाइक फोलो नहीं चाहिए यार। तुम बस खुश रहो। मैंने बहुत लोगों से बाते की हैं। सब अपनी लाइफ में इतने ज़्यादा रो रहे हैं। इतने ज़्यादा परिशान हैं। तुम्हें बदलने की ज़रूरत हैं। और वो बदलाव कैसे होगा मैं सिखाऊंगा तुम्हें। कैसे अपनी ज़िंदगी को बदला जाता है। तुम्हारे लिए मैं स्टार्ट कर रहा हूँ।
एक ऐसी सीरीज जो तुम्हारी जंदगी को देखने का नजरियाई बदल देगी। ’100 दिन का मास्टरप्लान । यार रोज रात आठ बजे, मैं इसी पेज पर एक वीडियो पोस्ट करूँगा। बस तुम्हें मेरा कहना मानना होगा। अगर आप सच में अपनी ज़िन्दगी बदलना चाहते हैं, तो कल मिलते हैं रात आठ बजे, इसी पेज पर। मैं Sher Mohammad आपकी जज़्बात की कदर करता हूँ।
100 दिन का मास्टरप्लान – Day 1
दोस्त, “ 100 दिन का मास्टरप्लान” सिरीश का आज पहला दिन है। आज एक धागे से अपनी जिन्दगी का सबसे बड़ा सबक सिखेंगे। सबसे पहले आपका स्वागत हमारी सिरीश के अंदर। मान लेते एक धागा आपका रिस्ता है। पर ये वो इंसान है जिसके साथ आपका रिस्ता है। आप स्टार्टिंग में क्या करते हैं। उस रिस्ते को एफर्ट्स देते हैं। टाइम देते हैं। उस रिस्ते में घुलने की कोशिश करते हैं।
उस इंसान में घुलने की कोशिश करते हैं। जैसे ये धागा में अपने उंगली में लपेट रहा हूँ , वैसे ही वो रिस्ता वो इंसान आपको लपेट लेता है।और आप उसके पूरे वस में हो जाते हैं। ऐसा ही होता ना, आप उस इंसान के उस रिस्ते के वस में हो जाते हैं। आपको उसके आदत लग जाती है। जैसे इस धागे ने इस उंगली को वस में कर लिया, वैसे ही वो रिस्ता आपको वस में कर लेता है। फिर एक टाइम ऐसा आता कि वो इंसान अपने रिस्ते को आपसे दूर ले जाने लगता है। आपको दर्द होता है, लेकिन आप छोडते नहीं हैं।
आपको इस हालात दिखाई दे रहे हैं। ठीक ऐसे ही आपके हालात होते हैं। इस इंसान का कुछ नहीं भिगडा। लेकिन आपके हालात कैसे हो गए। तो इस बात से मैं क्या सीखने के लिए मिलता है। कि कोई इंसान आपसे दूर जाना चाहे तो उसको जाने दो रोको मत। अगर रोकोगे तो आपको ही दर्द होगा, आपको ही हर्ट होगा, उस इंसान का कुछ नहीं भिगडेगा।
यह सोचो कि कोई आये तो वैल्कुम ना आये तो भीड कम। उम्हीद आप मेरी बात समझ गए होगे, अपनी जिंदगी में इसको रिलेट करेंगे, समझेंगे। अगर समझ गए हो तो दोस्तों के पास शेर करो, उनको भी सीरीज के अंदर जोड़ो। कल फिर मिलते हैं अगले एपिसोड में। मैं गोराव आपकी भावनाव की कदर करता हूँ।