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सोच नहीं माइंड सेट करो-2 : Soch nahi Mindset karo

 👉 “सोच सिर्फ़ सपनों में खो देती है… लेकिन माइंडसेट हकीकत में रास्ता बनाता है। अब वक्त है सोच से आगे बढ़ने का।”

👉 “पहले पार्ट में आपने सोच की हदें देखीं… अब दूसरे पार्ट में जानिए माइंडसेट की ताक़त, जो ज़िंदगी बदल देती है।”

👉 “सोच हर किसी के पास होती है, लेकिन कामयाब वही होते हैं जिनका माइंडसेट अलग होता है। तैयार हैं Part-2 के लिए?”

👉 “सोचने वाले हज़ार मिलेंगे… लेकिन बनाने वाले सिर्फ़ वही हैं जिनका माइंडसेट क्लियर है। चलिए शुरू करते हैं Part-2।”

👉 “सोच सपनों तक ले जाती है, माइंडसेट मंज़िल तक। यही फर्क हम Part-2 में खोलेंगे।”

हो सकता है यह आपका सबसे अच्छा डिसीजन साबित हो और आपकी

जिंदगी पूरी तरह बदल जाए। अब बात करते हैं टू डू लिस्ट की। हम सभी रोज टू डू लिस्ट

बनाते हैं। लेकिन दिन के अंत में देखते हैं कि कई टास्क अधूरे रह गए। ऐसा क्यों

सोच नहीं माइंड सेट करो-2 : Soch nahi Mindset karo

होता है? क्योंकि हम उन चीजों पर ध्यान नहीं देते जो हमारा ध्यान भटकाती हैं जो

हमें फोकस्ड रहने से रोकती हैं। यहीं पर डोंट टू लिस्ट का कांसेप्ट आता है। यह एक

ऐसी लिस्ट है जिसमें आप उन चीजों को लिखते हैं जो आपको नहीं करनी है ताकि आपका ध्यान

सही जगह पर रहे और आप ज्यादा प्रोडक्टिव बन सकें। उदाहरण के लिए सोचिए कि आप सुबह

उठते ही फोन उठाकर सोशल मीडिया स्क्रॉल करने लगते हैं। आप सोचते हैं कि बस 5 मिनट

देखेंगे। लेकिन जब घड़ी देखते हैं तो 30-4 मिनट निकल चुके होते हैं या फिर आप दिन भर

में बार-बार ईमेल चेक करते हैं। हर छोटी चीज पर तुरंत रिएक्ट करते हैं। इससे आपकी

एनर्जी गलत जगह खर्च होती है। डोंट ड्यू लिस्ट इन आदतों को पहचानने और उनसे बचने

में मदद करती है। इस लिस्ट को बनाने के लिए सबसे पहले आपको अपने दिन को ऑब्जर्व

करना होगा। देखें कि कौन-कौन सी चीजें आपका ध्यान भटकाती हैं। क्या आप हर ब्रेक

में फोन चेक करते हैं? क्या आप अनावश्यक मीटिंग्स में समय बर्बाद करते हैं? क्या

आप बिना किसी प्लान के सोशल मीडिया पर घंटों बिता देते हैं? इन सबको नोट करें और

सोच नहीं माइंड सेट करो-2 : Soch nahi Mindset karo

अपनी डोंट डू लिस्ट में डाल दें। इससे आपको साफ-साफ पता चल जाएगा कि किन चीजों

से बचना है। इस लिस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको डिसिप्लिन सिखाती है। जब

आपके पास यह स्पष्ट होता है कि आपको क्या नहीं करना तो आप अपने जरूरी कामों पर

ज्यादा फोकस कर सकते हैं। मान लीजिए आपकी लिस्ट में लिखा है मैं सुबह 10:00 बजे से

पहले सोशल मीडिया नहीं देखूंगा। अब जब भी आपका मन करेगा कि फोन उठाकर Instagram या

Twitter देख लें। आपकी लिस्ट आपको याद दिलाएगी कि यह आपकी प्रायोरिटी नहीं है।

धीरे-धीरे यह एक आदत बन जाएगी और आपकी प्रोडक्टिविटी आसमान छूने लगेगी। लोग

अक्सर सोचते हैं कि बस ज्यादा मेहनत करने से सफलता मिलती है। लेकिन दोस्तों ज्यादा

मेहनत से ज्यादा जरूरी है स्मार्ट मेहनत। अगर आप सिर्फ व्यस्त रहने की बजाय अपने

समय का सही इस्तेमाल करें तो आप कम समय में ज्यादा हासिल कर सकते हैं। डोंट ड्यू

लिस्ट आपको यह समझने में मदद करती है कि कौन से काम आपका समय बर्बाद कर रहे हैं और

उनसे बचकर आप अपनी एनर्जी को सही दिशा में लगा सकते हैं। इस लिस्ट को और बेहतर बनाने

के लिए आप इसे समय-समय पर अपडेट करें। हो सकता है शुरू में आपको लगे कि सिर्फ सोशल

मीडिया आपका ध्यान भटकाता है। लेकिन कुछ हफ्तों बाद आपको एहसास हो कि बार-बार

अनावश्यक मीटिंग्स भी आपका समय खा रही हैं। ऐसे में अपनी लिस्ट में यह जोड़ें कि

मैं बेकार की मीटिंग्स में शामिल नहीं होऊंगा। इस तरह अपने अनुभव के आधार पर

लिस्ट को रिफाइन करते रहें। डोंट डू लिस्ट सिर्फ डिस्ट्रैक्शन से बचने के लिए नहीं

है। यह आपको इमोशनल और मेंटल क्लेरिटी भी देती है। कई बार हम ऐसे डिसीजंस ले लेते

हैं जो हमारे लिए सही नहीं होते। सिर्फ इसलिए क्योंकि हमें ना कहना नहीं आता। अगर

आपकी लिस्ट में यह लिखा हो कि मैं ऐसे कामों के लिए हां नहीं कहूंगा जो मेरे गोल्स से मेल नहीं खाते तो यह आपको

अनावश्यक कमिटमेंट से बचाएगा। खासकर अगर आप किसी क्रिएटिव फील्ड में हैं जैसे कि

राइटर, आर्टिस्ट या एंटरप्रेन्योर तो यह लिस्ट और भी जरूरी है। क्योंकि आपके लिए

सबसे कीमती चीज है डीप वर्क। वह समय जब आप पूरी तरह फोकस्ड होकर अपना बेस्ट काम कर

सकें। लेकिन अगर आपका ध्यान-बार छोटी-छोटी चीजों में भटकता रहेगा, तो आप कभी अपनी

पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाएंगे। यह लिस्ट सिर्फ प्रोफेशनल लाइफ के लिए नहीं बल्कि पर्सनल लाइफ में भी कमाल कर सकती

सोच नहीं माइंड सेट करो-2 : Soch nahi Mindset karo

है। मान लीजिए आप अपनी हेल्थ सुधारना चाहते हैं। अगर आपकी डोंट डू लिस्ट में यह

लिखा हो कि मैं रात 11:00 बजे के बाद जंक फूड नहीं खाऊंगा तो यह आपको सही चॉइससेस

बनाने में मदद करेगा। अगर आप अपनी मेंटल हेल्थ पर काम करना चाहते हैं तो लिस्ट में

जोड़ सकते हैं। मैं उन लोगों के साथ समय नहीं बिताऊंगा जो मेरी एनर्जी ड्रेन करते

हैं। अंत में यह समझना जरूरी है कि जितना जरूरी यह तय करना है कि क्या करना है,

उतना ही जरूरी यह तय करना है कि क्या नहीं करना। हमारे पास दिन में सिर्फ 24 घंटे

होते हैं। अगर हम अपनी एनर्जी को सही जगह लगाना सीख लें तो हम अपनी जिंदगी में बड़े

बदलाव ला सकते हैं। एक छोटी सी डोंट टू लिस्ट बनाना एक आसान लेकिन पावरफुल तरीका

है अपने दिन को बेहतर और ज्यादा प्रोडक्टिव बनाने का। अगर आप इसे ईमानदारी

से फॉलो करेंगे तो आप देखेंगे कि आपकी एफिशिएंसी, फोकस और ओवरऑनल हैप्पीनेस कैसे

बढ़ने लगती है। अब बात करते हैं प्रायोरिटीज की। हमारी जिंदगी में हर दिन

ढेर सारे काम होते हैं। कुछ बहुत जरूरी, कुछ कम जरूरी। लेकिन अक्सर हम उन कामों

में उलझे रहते हैं जो ज्यादा मायने नहीं रखते और जो वाकई जरूरी हैं वे पीछे छूट

जाते हैं। इसका कारण है कि हम अपनी प्रायोरिटीज को सही तरीके से सेट नहीं कर

पाते। यहीं पर बर्नर लिस्ट का कांसेप्ट आता है। यह एक ऐसा तरीका है जिससे आप अपने

सबसे जरूरी और कम जरूरी कामों को अलग-अलग रख सकते हैं ताकि आपकी एनर्जी और अटेंशन

सही दिशा में लगे। बर्नर लिस्ट का आईडिया बहुत साधारण है। आप अपने टास्क को दो

हिस्सों में बांटते हैं। फ्रंट बर्नर और बैक बर्नर। फ्रंट बर्नर में वे काम आते

हैं जो आपकी सबसे बड़ी प्रायोरिटी हैं। जिन पर आपको सबसे ज्यादा ध्यान देना है।

यह वे टास्क हैं जो आपके बड़े गोल्स को हासिल करने में मदद करते हैं। दूसरी तरफ

बैक बर्नर में वे काम आते हैं जो जरूरी तो हैं लेकिन अभी तुरंत ध्यान देने की जरूरत

नहीं। यह वे टास्क हैं जिन्हें आप बाद में कर सकते हैं या जो इतने क्रिटिकल नहीं है।

सोचिए आप एक शेफ हैं और किचन में कई चीजें एक साथ बना रहे हैं। एक स्टोव पर कुछ ऐसा

पक रहा है जिसे आपको लगातार चेक करना है ताकि वह परफेक्ट बने। यह आपका फ्रंट बर्नर

है। वहीं कुछ चीजें धीमी आंच पर पक रही हैं जिन्हें आप समय-समय पर देख सकते हैं।

यह आपका बैक बर्नर। ठीक इसी तरह जब हम अपनी लाइफ को इस तरीके से ऑर्गेनाइज करते

हैं तो हम अपनी एनर्जी को सही जगह फोकस कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप किसी बड़े

प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो वह आपका फ्रंट बर्नर टास्क होगा।——–👉 Part 3

👉 “अब तक आपने देखा कि सोच कैसे सीमित करती है और माइंडसेट कैसे रास्ता दिखाता है… लेकिन असली खेल तो Part-3 में खुलने वाला है। तैयार रहिए, क्योंकि अगला हिस्सा आपके पूरे नज़रिए को हिला देगा।”

👉 “सोच से माइंडसेट तक का सफ़र आसान नहीं था… लेकिन Part-3 में आप जानेंगे वो सीक्रेट्स, जिनसे सोचने का अंदाज़ और जीने का तरीका दोनों बदल जाएंगे।”

👉 “आज की बातें बस एक झलक थीं… पूरी तस्वीर तो Part-3 में सामने आएगी। वहाँ आप जानेंगे कि माइंडसेट को कैसे हथियार बनाया जाए।”

👉 “अगर आपको लगा कि ये एंड है… तो ये सिर्फ़ शुरुआत है। Part-3 में वो सच सामने आएगा जो ज़िंदगी का असली मोड़ तय करता है।”

👉 “सोच बदलना मुश्किल है, लेकिन माइंडसेट बदलना ज़िंदगी बदल देता है। यही सफ़र हम Part-3 में साथ तय करेंगे। जुड़े रहिए।”

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