मुसलमान खतना क्यों करते हैं? खतना (Circumcision) सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरी ऐतिहासिक और वैज्ञानिक सच्चाई छिपी हुई है। क्या आपने कभी सोचा है कि मुसलमान खतना क्यों करते हैं? क्या यह केवल एक मज़हबी परंपरा है, या इसके पीछे विज्ञान और स्वच्छता से जुड़ी ठोस वजहें भी हैं? आइए, इस विषय को ऐतिहासिक, धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विस्तार से समझते हैं।

मुसलमान खतना क्यों करते हैं?

खतना की इस्लामिक शुरुआत – मुसलमान खतना क्यों करते हैं?

खतना की परंपरा इस्लाम में बहुत पुरानी मानी जाती है। इसका सबसे पहला ज़िक्र हज़रत इब्राहीम (अ.) से जुड़ा हुआ है। इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म – तीनों में हज़रत इब्राहीम (अ.) को एक महत्वपूर्ण पैग़ंबर माना जाता है।

हज़रत इब्राहीम (अ.) और खतना की परंपरा

कुरान में कहा गया है:
“وَإِذِ ابْتَلَىٰ إِبْرَٰهِيمَ رَبُّهُ بِكَلِمَٰتٍ فَأَتَمَّهُنَّ”
(सूरह अल-बक़राह 2:124) – “और जब इब्राहीम को उनके रब ने कई बातों में आज़माया और उन्होंने उन्हें पूरा किया।”

ऐतिहासिक रूप से, ऐसा माना जाता है कि हज़रत इब्राहीम (अ.) ने 80 साल की उम्र में खुद अपनी खतना की थी। यह उनके रब की एक परीक्षा थी, जिसे उन्होंने पूरा किया और तभी से खतना को “सुन्नत-ए-इब्राहीम” कहा जाने लगा।

आज भी मुसलमान इस परंपरा को अपनाते हैं और इसे अपने पैग़ंबरों की सुन्नत (परंपरा) मानते हैं।


खतना का असली मकसद – हाइजीन, हेल्थ और साइंस!

अब सवाल यह उठता है कि खतना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है? अगर यह केवल मज़हबी होता, तो चिकित्सा विज्ञान भी इसे सही नहीं ठहराता। लेकिन मेडिकल रिसर्च इस बात को साबित कर चुकी है कि खतना कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

खतना के वैज्ञानिक लाभ

1. संक्रमण से बचाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सेंटर्स फॉर डिसीज़ कंट्रोल (CDC) की रिपोर्ट्स के अनुसार, खतना किए गए पुरुषों में Urinary Tract Infection (UTI) का खतरा 90% तक कम हो जाता है।

2. HIV और यौन संचारित रोगों से सुरक्षा

खतना करवाने से HIV, HPV, और अन्य यौन संचारित रोगों (STDs) के संक्रमण का खतरा 60% तक कम हो जाता है।

3. साफ-सफाई में आसानी

खतना के बाद जननांगों की सफाई आसान हो जाती है, जिससे बैक्टीरियल इंफेक्शन और अन्य समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।

4. कैंसर से बचाव

शोध बताते हैं कि खतना करवाने से Penile Cancer और महिलाओं में Cervical Cancer का खतरा भी कम हो जाता है।

मेडिकल विशेषज्ञों की राय

आज के ज़माने में खतना को मेडिकल प्रोसेस के तहत सुरक्षित और दर्द रहित तरीके से किया जाता है। डॉक्टर और रिसर्चर्स इस प्रक्रिया को हेल्थ-प्रोटेक्टिव मेजर के रूप में देखते हैं।


खतना को लेकर आम सवाल और गलतफहमियाँ

खतना को लेकर समाज में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। आइए, इन मिथकों और सच्चाई के बीच का फर्क समझते हैं।

मिथक बनाम सच्चाई

मिथ: खतना दर्दनाक और खतरनाक प्रक्रिया है।
सच: खतना आज मेडिकल साइंस की मदद से एक सुरक्षित प्रक्रिया है, और नवजात बच्चों में इसका दर्द न्यूनतम होता है।

मिथ: खतना से पुरुषों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है।
सच: वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, खतना पुरुषों की स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार करता है और किसी भी प्रकार की नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता।

मिथ: खतना केवल मुस्लिम समुदाय में किया जाता है।
सच: खतना सिर्फ इस्लाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यहूदी धर्म और कई अफ्रीकी व पश्चिमी समुदायों में भी प्रचलित है।


क्या खतना सिर्फ मुसलमान करवाते हैं?

अगर हम खतना के इतिहास को देखें, तो यह प्रथा केवल इस्लाम तक सीमित नहीं है। यहूदी धर्म में भी खतना को एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है। इसके अलावा, अफ्रीका और अमेरिका के कुछ समुदायों में भी स्वच्छता और स्वास्थ्य कारणों से खतना करवाया जाता है।

आज के समय में, पश्चिमी देशों में भी कई पुरुष चिकित्सा कारणों से खतना करवाते हैं। शोध बताते हैं कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में लाखों लोग स्वच्छता और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खतना करवाते हैं।


अंतिम निष्कर्ष: खतना क्यों ज़रूरी है?

अगर हम खतना की हकीकत को समझें, तो यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक रूप से सिद्ध स्वास्थ्य रक्षा प्रणाली भी है।

धार्मिक दृष्टिकोण से: यह हज़रत इब्राहीम (अ.) की परंपरा है, जिसे इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म में महत्व दिया गया है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से: यह संक्रमण, कैंसर और अन्य बीमारियों से बचाने में सहायक साबित हुआ है।
स्वच्छता के दृष्टिकोण से: इससे व्यक्तिगत सफाई आसान हो जाती है और कई संक्रमणों का खतरा कम हो जाता है।

तो क्या आपको लगता है कि खतना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा है, या इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी छिपा हुआ है? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!

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खतना से जुड़े 5 सबसे आम सवाल (FAQs) और उनके जवाब

1. खतना क्या है और यह क्यों किया जाता है?

उत्तर: खतना (Circumcision) एक मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें लिंग के अग्रभाग (foreskin) को हटा दिया जाता है। यह इस्लाम और यहूदी धर्म में धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, लेकिन इसे मेडिकल और स्वच्छता संबंधी लाभों के कारण भी किया जाता है। यह संक्रमण, यौन संचारित रोगों (STDs), और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में मदद करता है।

2. खतना कब और किस उम्र में किया जाता है?

उत्तर: इस्लाम में आमतौर पर खतना नवजात शिशु से लेकर 7 साल की उम्र तक किया जाता है, लेकिन कुछ लोग बड़े होने पर भी यह प्रक्रिया करवाते हैं। मेडिकल दृष्टिकोण से, नवजात अवस्था में खतना करना ज्यादा सुरक्षित और कम तकलीफदेह माना जाता है।

3. क्या खतना दर्दनाक होता है?

उत्तर: आधुनिक मेडिकल तकनीकों के कारण खतना आज बहुत ही सुरक्षित और कम दर्दनाक प्रक्रिया बन चुकी है। नवजात शिशुओं में यह बहुत ही जल्दी और बिना अधिक दर्द के किया जाता है, जबकि बड़े बच्चों और वयस्कों के लिए लोकल एनेस्थीसिया (स्थानीय सुन्न करने की दवा) का उपयोग किया जाता है।

4. क्या खतना करवाने से सेक्स लाइफ पर असर पड़ता है?

उत्तर: नहीं, खतना का पुरुषों की सेक्स लाइफ पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। वास्तव में, कुछ रिसर्च यह दर्शाती हैं कि खतना से यौन रोगों का खतरा कम होता है और स्वच्छता बेहतर बनी रहती है, जिससे यौन स्वास्थ्य भी सुधरता है।

5. क्या खतना केवल मुस्लिम और यहूदी लोग ही करवाते हैं?

उत्तर: नहीं, खतना कई अन्य समुदायों में भी प्रचलित है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में इसे स्वच्छता और स्वास्थ्य कारणों से अपनाया जाता है। इसके अलावा, मेडिकल फील्ड में भी खतना को संक्रमण और बीमारियों से बचने का एक तरीका माना जाता है।

अगर आपके पास और सवाल हैं, तो कमेंट में पूछें! 😊

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  • Islamichindi.com के मुसन्निफ़ इस्लामी मालूमात, क़ुरआन-ओ-हदीस और तारीख़ के माहिर हैं। बरसों से इस्लामी तालीमात को सहीह और मुसद्दक़ तरीके़ से अवाम तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मक़सद है के आम ज़बान में लोगों तक दीन-ए-इस्लाम की हक़ीक़ी तालीमात पहुँचाई जाएँ।

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Sher Mohammad Shamsi

Islamichindi.com के मुसन्निफ़ इस्लामी मालूमात, क़ुरआन-ओ-हदीस और तारीख़ के माहिर हैं। बरसों से इस्लामी तालीमात को सहीह और मुसद्दक़ तरीके़ से अवाम तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मक़सद है के आम ज़बान में लोगों तक दीन-ए-इस्लाम की हक़ीक़ी तालीमात पहुँचाई जाएँ।

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