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📚 क़लिमा (كَلِمَه) के 3 क़िस्में होती हैं: Arabic Kaise Sikhe
- इस्म (नाम)
- फ़ेअल (काम)
- हर्फ़ (जोड़ने वाला लफ़्ज़)
इस्म: शख्स, चीज़, जगह, काम, या सिफ़त का नाम होता है। जैसे ज़ैद, किताब, मक्का, इनफाक़, सालिह।
کلمہ کی 3 اقسام ہیں:
- اسم (نام)
- فعل (کام)
- حرف (جوڑنے والا لفظ)
اسم: کسی شخص، چیز، جگہ، کام یا صفت کے نام کو کہتے ہیں۔ جیسے: زید، کتاب، مکہ، انفاق، صالح۔
There are 3 types of Kalimah (Words):
- Noun (Ism): Name of a person/place/thing/quality
- Verb (Fi’l): Indicates an action
- Particle (Harf): Joins words together
Ism: Name of a person, object, place, action, or attribute. e.g., Zaid, Book, Makkah, Infaq, Saalih.
Arabic Kaise Sikhe यानि कि जब हम कोई जुम्ला बनाते हैं, तो उसमें इस्तेमाल होने वाले अल्फ़ाज़ तीन तरह के हो सकते हैं:
या तो ‘इस्म’ होंगे, या ‘फ़ेअल’, या ‘हर्फ़’।
1. 🔠 “क़लिमा” (كَلِمَه) की तफ़्सील: Arabic Kaise Sikhe
क़लिमा किसे कहते हैं?: Arabic Kaise Sikhe
- वो लफ़्ज़ जो अकेले कोई मअनी (meaning) रखता हो।
- हर जुम्ला (sentence) क़लिमा से बनता है।
- अरबी ज़बान में क़लिमा की तीन किस्में होती हैं: इस्म, फ़ेअल, हर्फ़
2. 🧩 तीनों की पहचान कैसे करें?
क़िस्म | पहचान | मिसाल |
---|---|---|
इस्म (اسم) | नाम होता है, उसमें ज़माना नहीं होता | ज़ैद, किताब, मक़तब |
फ़ेअल (فعل) | काम को बताता है और उसमें ज़माना होता है | खा रहा है, गया, पढ़ेगा |
हर्फ़ (حرف) | ऐसा लफ़्ज़ जो अकेले मअनी न रखे, मगर जुम्ले में काम आए | से, तक, और, लेकिन |
🔹 इस्म (اِسْم) क्या होता है?: how to learn arabic

इस्म का लफ़्ज़ी मतलब होता है – “नाम”।
यानि कोई भी ऐसा लफ़्ज़ जिससे हमें किसी शख़्स, चीज़, जगह, काम या सिफ़त का पता चले, तो वो इस्म कहलाता है।
🧑🦱 1. शख़्स (Person):
कोई इंसान का नाम जैसे – ज़ैद (زَيْد), उमर, अली वग़ैरह।
📦 2. चीज़ (Thing):
कोई सामान या माद्दी चीज़ जैसे – किताब (كِتاَب), कुरसी वग़ैरह।
🕌 3. जगह (Place):
कोई मुक़ाम या मक़ाम जैसे – मस्जिद (مَسْجِد), मक्का (مَكّه) वग़ैरह।
⚙ 4. काम (Action as a noun):
कोई ऐसा काम जिसे बतौर नाम लिया जाए जैसे – इनफ़ाक़ (اِنْفاَق) यानी खर्च करना।
🕊 5. सिफ़त (Quality/Attribute):
कोई खूबी या ख़ासियत, जैसे – सालिह (صاَلِح) यानी नेक, भला।
3. 🧠 Mnemonic / Trick (याद रखने की आसान तरकीब)
- इस्म = नाम (Name)
- फ़ेअल = काम (Action)
- हर्फ़ = जोड़ने वाला (Joiner)
4. 📘 क़ुरआनी मिसालें दें
- इस्म: اللّٰه, رَسُوْل
- फ़ेअल: خَلَقَ (उसने पैदा किया)
- हर्फ़: فِيْ, عَلٰى
5. 📌 Student FAQs (छोटे सवाल-जवाब जोड़ें) Arabic Kaise Sikhe
Q: क्या “रहमत” इस्म है?
A: हाँ, क्योंकि ये एक चीज़ (concept) का नाम है।
Q: “पढ़ता है” किस किस्म का क़लिमा है?
A: ये फ़ेअल है, क्योंकि ये अमल (action) को दिखाता है।
🔸 नोट:
इस्म सिर्फ़ इंसानों या चीज़ों के नामों तक महदूद नहीं है, बल्कि कोई भी लफ़्ज़ जो किसी चीज़ का नाम हो, वो इस्म कहलाता है।
अगर आप चाहें तो अगले हिस्से में “फ़ेअल” और “हर्फ़” की भी इसी अंदाज़ में तशरीह कर दूँ।
FI’L – (فعل) क्या होता है? Arabic Kaise Sikhe
अब बात करते हैं दोसरे किस्म की — FI’L (فعل)
फेल Fi’l का मतलब होता है: “अमल” यानि काम “
यह वो लफ्ज़ होता है जो किसी काम को, और उसके वक्त को भी बताता है —
जैसे:
👉 खाया (Maazi – Past)
👉 खा रहा है (Haal – Present)
👉 खाएगा (Mustaqbil – Future)
📖 क़ुरआन में एक मिसाल देखिये:
خَلَقَ اللهُ السَّمٰوَاتِ — अल्लाह ने आस्मान पैदा किया।
यहाँ “خلق” एक फेल है — क्यूंकि ये एक अमल (पैदा करना) और वक़त (माज़ी) दोनों को बता रहा है।
📌 Short Trick:
Fi’l mein काम aur वक़्त dono chhupay hote hain।
HARF – (حرف) क्या होता है?
Aur teesri qism hai — HARF (حرف)
Harf woh lafz hota hai jo akela apna ma’na nahi samjhata, lekin jab kisi jumlay mein aaye — toh ज़रूरी बन जाता है।
Jaise:
👉 “फी” (في) — मतलब “में”
👉 “इला” (إلى) — मतलब “की तरफ़”
👉 “अला” (على) — मतलब “पर”
अगर मैं आपसे कहुं “في“, तो आप कंफियुज हो जायेंगे की। किस के अंदर? लिखें अगर मैं कहूँ : في المسجد — “Masjid ke andar” मस्जिद के अन्दर
अब मअना वाजेह हो गया — और हर्फ़ ने जुमला को मुकम्मल बनाया।
📌 याद रखें:
हर्फ़ अकेला लफ्ज़ हो सकता, लेकिन जब तक उसके साथ इस्म (Ism) या ( Fi’l) फेल ना जुड़ें, तब तक उसका मतलब पूरा नहीं होता।
Qism | Ma’na | Example | Zamana? |
---|---|---|---|
Ism | Naam | ज़ैद, किताब | ❌ |
Fi’l | Amal | खा रहा है | ✅ |
Harf | Rabt | पर, तक, से | ❌ |
Real-life Qur’anic Examples
चलिए कुछ Qur’anic examples से तीनों को दोबारा समझते हैं: Arabic Kaise Sikhe
🔹 Ism:
اللّٰه, رَسُوْل, جنة
🔹 Fi’l:
قال (कहा), خلق (पैदा किया), نزل (उतारा गया)
🔹 Harf:
في (में), من (से), إلى (की तरफ़)
FAQs
Q1: क्या “मक्का” इस्म है?
✅ हाँ! ये एक जगह का नाम है।
Q2: “पढ़ता है” क्या है?
✅ ये “Fi’l” है क्योंकि ये काम + वक़्त दोनों को बयान करता है।
Q3: “से” किसमें आएगा?
✅ ये Harf है — जो jodta है aur अकेले मअनी नहीं रखता।
🧠 Easy Memory Trick
🎯 याद रखने का आसान तरीका:
- Ism = Naam | इस्म = नाम
- Fi’l = Kaam + Waqt | फेल = काम +वक़्त
- Harf = Rabta (Connector) | हर्फ़ = राब्ता (कनेक्टर)
📢 Closing (End)
दोस्तों, अगर आप यह 3 क़िस्म समझ लें — तो आप क़ुरआन की arabic को बेहतर समझना शुरू कर सकते हैं!
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JazakAllah Khair, Assalamu Alaikum wa Rahmatullah!
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